राहुल गांधी ने जिन मजदूरों से बात की है वे उत्तर प्रदेश में झांसी के निवासी हैं और हरियाणा की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें एक पैसे की भी मदद नहीं मिली है।
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व सांसद राहुल गांधी की पिछले दिनों प्रवासी मजदूरों के साथ हुई बातचीत की डॉक्यूमेंट्री कांग्रेस ने शनिवार को जारी कर दी। इसके साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना काल ने सबसे ज्यादा दर्द किसी को दिया है तो वे मजदूर ही हैं। इस डॉक्यूमेंट्री में देखा जा सकता है कि राहुल मजदूरों से पूछते हैं कि उनके पास पैसा है या नहीं? उन्हें कैसे पता चला कि देश में लॉकडाउन जारी है? राहुल ने जिन मजदूरों से बात की है वे उत्तर प्रदेश में झांसी के निवासी हैं और हरियाणा की एक फैक्ट्री में काम करते हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि उन्हें एक पैसे की भी मदद नहीं मिली है।
प्रवासी मजदूरों ने राहुल को बताया कि उनका घर से बाहर निकलना गुनाह हो गया था। पुलिस के अलावा स्थानीय लोग भी उन्हें बाहर निकलने पर मारते थे। पुलिस वाले दो बार आते थे। एक महिला ने भावुक होते हुए राहुल से कहा कि हमें हमारे गांव पहुंचा दीजिए। हमें वापस हरियाणा नहीं पहुंचाना। हमें गांव जाना है। मजदूरों ने बताया कि वे हरियाणा में जहां रहते थे वहां पांच-पांच हजार का सामान छूट गया है जो वापस नहीं आ सकता
राहुल गांधी ने कहा, “कोरोना ने बहुत लोगों को पीड़ा दी। मगर सबसे ज्यादा दर्द हमारे मजदूर भाई-बहनों को हुआ है।’ उन्होंने कहा कि हमारे मजदूर भाई-बहन भूखे-प्यासे सड़कों पर हजारों किलोमीटर पैदल चले, वो रुके नहीं। उनको पीटा गया, डराया गया, धमकाया गया, मगर वो रुके नहीं।” उन्होंने कहा, “मैंने इनकी सोच, इनका डर, इनकी आशाएं, इनका भविष्य इनके जरिए ही आपको दिखाना चाहता हूं। आखिर ये क्या सोच रहे हैं।”
राहुल गांधी ने कहा, “मेरे प्रवासी श्रमिक भाई-बहन इस देश की शक्ति हैं। आप इस देश का बोझ अपने कंधों पर उठाते हो। पूरा देश चाहता है कि आपके साथ न्याय हो। उन्होंने कहा कि मजदूर सिर्फ काम चाहते हैं। प्रवासी श्रमिक इस बात से सबसे ज्यादा नाराज हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन लागू करते समय उनकी परवाह नहीं की और एकाएक लॉकडाउन की घोषणा कर दी। श्रमिक परेशान हैं कि इसे लगातार बढाया जा रहा है और उन्हें अपने घर जाने का मौका नहीं मिल रहा है। काम नहीं होने के कारण मजदूर सिर्फ अपने घरों तक पहुंचना चाहते हैं इसलिए पैदल चल रहे हैं।”
वीडियो में श्रमिकों ने कांग्रेस नेता से कहा कि लॉकडाउन लागू करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोचना चाहिए था कि इस देश में गरीब भी रहते हैं जो दिन में कमाते हैं और शाम को उसी कमाई से पेट भरते हैं। उन्हें गरीबों का ध्यान रखना चाहिए था और उसी के हिसाब से निर्णय लेना चाहिए था लेकिन वह हमेशा की तरह अचानक टीवी पर आए और पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया।
राहुल ने कहा कि सरकार यदि मदद कर सकती है तो उसे करनी चाहिए। वीडियो में उन्होंने मांग की है कि श्रमिकों के साथ न्याय होना चाहिए। सरकार को तुरंत उनके खातों में पैसे हस्तांतरित करने चाहिए। 13 करोड़ परिवार को 7,500 रुपये दिए जाने चाहिए। वीडियो के आखिर में राहुल ने कहा कि मेरे प्रवासी श्रमिक भाई बहनों, आप इस देश की शक्ति हो। हिंदुस्तान की शक्ति को सक्षम बनाना हमारा कर्तव्य है।
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