नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहीं राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों के निजीकरण की खबरों का खंडन करते हुए सरकार ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि इन दोनों ट्रेनों समेत रेलवे के निजीकरण की कोई योजना नहीं है।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि राजधानी और शताब्दी जैसी रेलगाड़ियों का निजीकरण करने की कोई योजना नहीं बनाई गई है। रेलवे के निजीकरण की कोई योजना ही नहीं है। दरअसल, सपा सांसद सुरेद्र सिंह नागर ने रेल मंत्री से पूछा था कि क्या सरकार राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनों का निजीकरण करने की योजना बना रही है।
एक अन्य प्रश्न के लिखित उत्तर में गोयल ने बताया कि सरकार का लंबी दूरी की सभी ट्रेनों के डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। प्रीमियम, मेल, एक्सप्रेस और उपनगरीय रेल गाड़ियों के सभी सवारी डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कदम उठाए गए हैं। पहले चरण के दौरान इन गाड़ियों के 7020 सवारी डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है।
रेल मंत्री ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 31 जनवरी 2019 तक बड़ी लाइन के बिना चौकीदार वाले सभी रेलवे क्रासिंग को समाप्त कर दिया गया है। मौजूदा नीति के अनुसार, मीटर गेज लाइन और छोटी लाइन पर बिना चौकीदार वाले रेलवे क्रॉसिंग को अमान परिवर्तन के दौरान समाप्त कर दिया जाएगा।