नई दिल्‍ली। (Vande Bharat Express) नरेंद्र मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी रेल योजनाओं में से एक वंदे भारत एक्सप्रेस कई अन्‍य शहरों के लिए शुरू होगी। भारतीय रेलवे ने मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड को वंदे भारत के 44 सेट (हर सेट में 16 डिब्बे) बनाने के ऑर्डर दिया है। ये कॉन्ट्रैक्ट 2,211 करोड़ रुपयों का है। “मेक इन इंडिया” के तहत इस ट्रेन के 90 प्रतिशत हिस्से-पुर्जे भारत में ही बने होंगे। ये ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती हैं।

रेलवे बोर्ड के अनुसार ट्रेन सेट निर्माण जल्‍द शुरू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि पहली वंदे भारत ट्रेन 18 माह के रिकार्ड समय में बनाई गई थी जिसकी लागत करीब 97 करोड़ आई थी। बाद में इसकी डिजाइन में कई बदलाव किए गए जिससे बिजली की खपत और कीमत दोनों कम हुईं।

यह ट्रेन बनाने की घोषणा वर्ष 2017 में हुई थी और 2018 में ट्रेन चलनी थी, इसलिए इसका नाम ट्रेन 18 रखा गया था। वर्ष 2018 के अंत में पहली ट्रेन तैयार हो गई। बाद में इसका नाम बदलकर वंदे भारत कर दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को 15 फरवरी, 2019 को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन दिल्ली और वाराणसी के बीच चलाई गई। दूसरी ट्रेन को गृह मंत्री अमित शाह ने 3 अक्टूबर, 2019 को हरी झंडी दिखाई। यह ट्रेन नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच शुरू हुई।

वंदे भारत एक्‍सप्रेस की खासियत

इस ट्रेन में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। कोच में कुर्सियां 180 डिग्री यानी बल्किुल विपरीत दिशा में घुमाई जा सकती हैं। खाने-पीने का सामान रखने के लिए डीप फ्रीजर लगाए गए हैं। ऑनबोर्ड इन्फोटेनमेंट सिस्टम भी है, यहां आप अपनी पसंद के गाने या मूवी देख सकते हैं। खिड़कियों पर खास फिल्म लगाई गई है। पायलट को तेज रोशनी से बचाने के लिए कॉकपिट के शीशे पर रोलर ब्लाइंड सन स्क्रीन लगाई गई है। कॉकपिट में ज्यादा शोर न हो, इसके लिए कई इन्सुलेशन का इस्तेमाल किया गया है।

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