रक्षाबंधन पर्व ,(RakshaBandhan 2020,सर्वार्थ सिद्धि योग में मनेगा रक्षाबंधन,कैसी हो राखी, पूजन विधि एवं शुभ मुहूर्त,

बरेली। भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व (RakshaBandhan 2020) कल सोमवार 3 अगस्त को मनाया जाएगा। पुराणों में वर्णित है कि इस पर्व के शुभ मुहूर्त का अति विशिष्ट महत्व है। शुभ घड़ी में भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से भाग्योदय होता है। साथ ही रिश्तों में मधुरता आती है। आइए जानते हैं इस वर्ष का राखी बांधने का शुभ मुहूर्त क्या है-

ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा के अनुसार 2 अगस्त रात्रि 9ः31 से भद्रा प्रारंभ होकर 3 अगस्त सोमवार प्रातः काल 9ः28 तक विराजमान रहेगी। इसी समय में प्रातः 7ः30 से 9ः00 तक राहु काल भी रहेगा। अतः यह काल निषेध रहकर अशुभ होगा।

निषेध क्यों होता है भद्राकाल

शास्त्रों के अनुसार शनि की बहन का नाम भद्रा है। एक बार ब्रह्मा जी ने किसी कारण से भद्रा को श्राप दिया कि तुम्हारे गोचर काल में किया गया शुभ मांगलिक कार्य सफल नहीं होगा बल्कि कष्ट और दःुख कारण बनेगा। अतः भद्रा का निषेध ही सर्वश्रेष्ठ रहता है।

इस समय बांधें राखी

इस कारण से रक्षासूत्र बांधने का शुभ समय प्रातः काल 9ः28 से रात्रि काल 9ः27 तक अत्यंत शुभकारी रहेगा। कारण ये कि पूर्णिमा रात्रि 9ः27 पर ही रहेगी। उक्त अवधि में भी प्रातः काल 11ः10 से 12ः56 तक का समय अत्यंत शुभकारी है। सुखद यह है 29 वर्ष के बाद एक अच्छा विशेष सहयोग बन रहा है। श्रावण मास का पांचवां और अंतिम सोमवार जहां इस को खास बना रहा है जिसके साथ में सर्वार्थ सिद्धि योग, आयुष्मान योग, प्रीति योग, पूर्णिमा, चंद्रमा का मकर में होना ,एवं सम सप्तक सूर्य व शनि, का होना इसके लिए बहुत ही मंगलकारी सिद्ध होगा।

सोमवार को रात्रि 9ः27 बजे के उपरांत भाद्रपद मास की प्रथमा तिथि प्रारम्भ होगी जो कि रिक्त है। रिक्त तिथि शुभकारी नहीं होती है। इसलिए इससे पूर्व ही रक्षा सूत्र बांधना मंगलदायी रहेगा।

रक्षा सूत्र किस प्रकार का होना चाहिए

शास्त्रों के अनुसार रक्षा सूत्र तीन धागों का होना चाहिए लाल पीला और सफेद। अन्यथा की स्थिति में लाल और पीला तो होना ही चाहिए। रक्षा सूत्र में चंदन लगा हो तो बेहद शुभ होता है और यदि कुछ भी ना हो तो पूजन का कलावा सर्वश्रेष्ठ मानकर श्रद्धा पूर्वक बांधना चाहिए।

कैसे मनाना चाहिए रक्षाबंधन

एक थाली (संभव हो तो शुद्ध धातु की) उसमें रोली, चंदन, अक्षत, दही, रक्षा सूत्र और मिठाई रखें। साथ में देसी घी का दीपक भी प्रज्ज्वलित करके रख।ें पूजा का थाल तैयार करके सर्वप्रथम भगवान को समर्पित करें इसके उपरांत भाई को पूरब या उत्तर की तरफ मुंह करवाकर के बैठाएं। सर्वप्रथम भाई का तिलक करें फिर रक्षासूत्र बांधने के उपरांत आरती करें। तदुपरान्त मिठाई खिलाकर भाई की मंगलकामना करें। यहां ध्यान रखने योग्य बात यह है रक्षासूत्र बांधने के समय भाई-बहन का सिर खुला हुआ नहीं होना चाहिए तथा रक्षासूत्र बांधने के उपरांत अपने माता पिता एवं गुरु का आशीर्वाद लें। तत्पश्चात अपनी बहन को सामर्थ्य के अनुसार उपहार देना चाहिए। उपहार भी ऐसा होना चाहिए जो दोनों के लिए मंगलकारी हो।

इनसे बचें

विशेषकर काले वस्त्र, तीखा भोजन या नमकीन इस समय में पहनना और खाना उचित नहीं रहता है। इससे बचना चाहिए।

रक्षा सूत्र कब खोलना चाहिए

शास्त्रों के अनुसार यदि चलें तो रक्षासूत्र कम से कम एक पक्ष तक इसे बांधे रखना चाहिए परंतु अगर अपने आप खुल जाए तो इसे सुरक्षित रख लेना चाहिए। साथ में इसे बहते हुए जल अथवा शुद्ध मिट्टी में दबा देना चाहिए।

बरेली लाइव परिवार की ओर से सभी को भाई-बहन के पवित्र पर्व रक्षाबंधन की अनन्त शुभ मंगलकामनाएं। भगवान गणेश जी सबकी शुभ इच्छाएं पूरी करें।

ज्योतिषाचार्य राजेश कुमार शर्मा जी से सम्पर्क के लिए बरेली लाइव के फेसबुक, ट्विटर एकाउण्ट पर मैसेज करें।

By vandna

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