नयी दिल्ली। समाजवादी पार्टी और उसके चुनाव चिह्न पर कब्जे को अधिकृत साबित करने के लिए अखिलेश यादव गुट ने शनिवार को निर्वाचन आयोग में दस्तावेज सौंपे। करीब डेढ़ लाख पन्नों के ये दस्तावेज कई बड़े डिब्बों बंद कर विभिन्न वाहनों में भरकर ले जाये गये थे। बताते हैं कि इनमें जिला संगठनों के साथ प्रदेश संगठन और राष्ट्रीय संगठन के पार्टी प्रतिनिधियों के शपथ पत्रों कोे सात सेटों में जमा करा गया है।
इसके अलावा एक सेट मुलायम सिंह के आवास पर पहुंचाया गया। माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी और साइकिल पर कब्जे को लेकर अखिलेश गुट का यह सबसे बड़ा दांव है। दस्तावेज जमा कराने गये प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अखिलेश के चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव कर रहे थे। उनके साथ जाने वाले अन्य प्रतिनिधियों में अभिषेक मिश्रा (मंत्री), रवि प्रकाश वर्मा, चंद्रपाल यादव, आलोक तिवारी, नीरज शेखर, जावेद अली खां और सुरेंद्र नागर (सभी राज्यसभा सदस्य) प्रमुख थे।
बता दें कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी के दोनों गुटों को अपने पक्ष में सबूत पेश करने के लिए नौ जनवरी तक का समय दिया है। अखिलेश गुट ने पूरी तैयारी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में शामिल प्रतिनिधियों की उपस्थिति और उनकी सहमति के सबूत पेश किया। शपथ पत्रों व दस्तावेजों की संख्या अधिक होने और उनकी प्रतियां कराने के लिए पार्टी नेताओं ने कई जेरॉक्स मशीनें लगाकर कई दिनों में तैयार कराया है। वहां पहुंचे नेताओं ने सिर्फ इतना कहा कि अब आयोग को जल्द से जल्द अपना फैसला सुनाना है।