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नयी दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक ने जनधन खातों को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब जनधन खातों पर रिज़र्व बैंक की पैनी नज़र रहेगी. रिज़र्व बैंक जनधन खाते से निकलने वाले हर पैसे का हिसाब रखेगा.आरबीआई ने एक महीने में इन खातों से दस हजार रुपए से ज्यादा की निकासी पर रोक लगा दी है। यानी अब एकाउंट होल्डर अपने जनधन एकाउंट से एक महीने में सिर्फ 10 हजार रुपए ही निकाल पाएंगे।
आरबीआई ने कहा है कि अगर किसी खातेधारक को महीने में दस हजार से ज्यादा निकालने हैं तो उसे अपनी जरुरतों का पूरा ब्यौरा देना होगा कि वह इन पैसों का कहां इस्तेमाल करेगा। गौर हो कि 8 नवंबर के बाद नोटबंदी के फैसले के बाद जनधन खातों में अचानक पैसे जमा करने की होड़ मच गई। इन खातों में 23 नवंबर तक 65 हजार करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। अचानक इतनी राशि इन खातों में कहां से आई अब इसकी जांच भी हो सकती है।

गौर हो कि केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 रूपए के पुराने नोटों को बंद करने के ऐलान के बाद के 14 दिनों में जन धन खातों में जमा रकम में करीब 27,200 करोड़ रूपए का इजाफा हुआ है । करीब 25 करोड़ 68 लाख जन धन खातों में कुल जमा राशि 70,000 करोड़ रूपए के आंकड़े को पार कर चुकी है और 23 नवंबर को यह आंकड़ा 72,834.72 करोड़ रूपए था । नौ नवंबर को इन खातों में 45,636.61 करोड़ रूपए जमा थे । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से आठ नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद जन धन खातों में 27,198 करोड़ रूपए जमा हुए हैं ।
बहरहाल, 25 करोड़ 68 लाख जन धन खातों में से 22.94 फीसदी खातों में अब भी एक रूपया नहीं है । पिछले 2 सालों में साढ़े 25 करोड़ खाते खुले हैं। गौर हो कि देश में बैंकिंग को बढावा देने के लिए 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरआत की गई थी। इस तरह के खातों में अधिकतम 50,000 रुपये जमा करवाए जा सकते हैं।

 एजेंसी
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