संशोधित गाइडलाइंस के अनुसार, अपने राज्य की ओर रुख करने के इच्छुक सभी व्यक्तियों की चिकित्सकीय जांच की जाएगी और घर पहुंचाने से पहले उन्हें क्वरंटाइन किया जाएगा। 

नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लागू लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में लाखों प्रवासी मजदूर, छात्र-छात्राएं और पर्यटकों समेत कई लोग अभी भी फंसे हुए हैं। इन लोगों को निकालने के लिए केंद्र सरकार ने बुधवार को सायंकाल संशोधित गाइडलाइंस के साथ अंतरराज्यीय यात्रा की अनुमति दे दी है।

भारत सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा के लिए आदेश जारी किया है। इस नए आदेश के अनुसार, अपने राज्य की ओर रुख करने के इच्छुक सभी व्यक्तियों की चिकित्सकीय जांच की जाए और घर पहुंचाने से पहले उन्हें क्वरंटाइन किया जाए। सभी राज्य और केंद्र शासित राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें जो इन दिशा-निर्देशों का पालन शुनिश्चित करें। राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का ब्यौरा भी रखने को कहा गया है।

15 दिनों में कोरोना वायरस हॉटस्पॉट जिलों की संख्या 170 से घटकर 129 हुई

भारत में कोरोना वायरस हॉस्पॉट जिलों की संख्या बुधवार सुबह तक घटकर 129 हो गई। यह संख्या एक पखवाड़ा पहले तक 170 थी। लेकिन, इस दौरान संक्रमण मुक्त इलाके या ग्रीन जोन की संख्या में कमी भी आई है। इन की संख्या अब 325 से घटकर 307 हो गई है। वहीं, इसी समयकाल के दौरान नॉन हॉटस्पॉट जिले या ऑरेंज जोन की संख्या में बढ़त हुई है जो 207 से 297 हो गई है।

केंद्र ने 15 अप्रैल को जिलों को तीन वर्गों में बांटा था। इसके अनुसार ऐसे जिले जहां कोरोना वायरस के कई मामले सामने आ रहे हों या जहां संक्रमण तेजी से फैल रहा हो उन जिलों को रेड जोन या हॉटस्पॉट में आते हैं। जबकि, ऐसे जिले जहां रेड जोन के मुकाबले संक्रमण के कम मामले हैं, ऑरेंज जोन या नॉन हॉटस्पॉट में आते हैं। वहीं, ऐसे जिले जहां कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है, उन जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है। 

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