बीजिंग। कोरोना वायरस (कोविड-19) अपने जन्मदाता देश चीन की तरह ही शातिर और धूर्त है। अमेरिकन जर्नल ऑफ रेस्पिरेटरी एंड क्रिटिकल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं के हवाले से दावा किया गया है कि उन्होंने कोविड-19 के हल्के संक्रमण वाले जिन मरीजों का इलाज किया, उनमें से आधे रोगियों में बीमारी के लक्षण गायब हो जाने के बाद भी 8 दिन तक कोरोना वायरस रहा।
इस अध्ययन में 16 रोगियों का आकलन किया गया जिनका बीजिंग स्थित पीएलए जनरल हॉस्पिटल के उपचार केंद्र में 28 जनवरी से 9 फरवरी 2020 तक इलाज चला और इस अवधि में छुट्टी दी गई। अमेरिका की याले यूनवर्सिटी से भारतीय मूल के वैज्ञानिक लोकेश शर्मा भी इस अध्ययन में शामिल थे।
अध्ययन में वैकल्पिक दिनों में लिये गए रोगियों के नमूनों का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा कि रोगियों को ठीक होने और उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद छुट्टी दे दी गई। अध्ययन के सह-लेखक लोकेश शर्मा ने कहा, “हमारे अध्ययन में सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह सामने आई कि आधे रोगियों में लक्षणों के ठीक होने के बाद भी उनसे विषाणु का प्रसार हो रहा था।“
गौरतलब है कि दुनिया में कोरोना वायरस के 6 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं और करीब 28 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।