कानपुर। भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अभियान में मंगलवार को एक और बड़ी कार्रवाई हुई। चकेरी में हुए सड़क निर्माण घोटाले में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के प्रधान महाप्रबंधक अरुण कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है। उन पर चकेरी-पाली मार्ग का कागज पर निर्माण कराकर 2.11 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप है।
इस मामले में एक सहायक अभियंता, एक अवर अभियंता और एक ठेकेदार एवं सेवानिवृत्त अधिशासी अभियंता पर भी गिरफ्तार की तलवार लटक रही है। शासन ने तीन दिन पहले ही अरुण कुमार मिश्रा, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह और अवर अभियंता एसके वर्मा के विरुद्ध अदालत में आरोप-पत्र में दाखिल करने की अनुमति दी थी।
प्रयागराज नेशनल हाईवे से पाली गांव होकर चकेरी औद्योगिक क्षेत्र में जाने वाली तीन किलोमीटर सड़क का निर्माण वर्ष 2009 में यूपीसीडा ने किया था। इसके आगे की 1940 मीटर सड़क को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बनाया था। यूपीसीडा के अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी के हिस्से की सड़क को भी अपने हिस्से के निर्माण कार्य में दिखा दिया था। यूपीसीडा के तत्कालीन अधिशाषी अभियंता अजीत सिंह, सहायक अभियंता नागेंद्र सिंह और अवर अभियंता एसके वर्मा ने इस सड़क को मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेज द्वारा बनाए जाने की बात कहते हुए 12 जनवरी 2009 को 2 करोड़ 11 लाख रुपए पास करा लिये थे। यूपीसीडा से दो किस्तों में इस रकम का भुगतान कर दिया गया था।
मामला खुलने पर यूपीसीडा के तत्कालीन प्रबंध निदेशक इफ्तेखारुद्दीन ने 2012 में अजीत सिंह, नागेंद्र सिंह और एसके वर्मा तथा कार्तिक इंटरप्राइजेज के खिलाफ चकेरी थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी । जांच में अरुण कुमार मिश्रा भी दोषी पाए गए थे। इस मामले में साठगांठ के चलते एक के बाद एक सभी अधिकारियों ने आंख बंद करके करोड़ों का बिल पास कर दिया था।
पुलिस की जांच में विवेचक ने माना कि बिना मौका मुआयना कराए ही प्रधान महाप्रबंधक अरुण कुमार मिश्र ने फर्म को धनराशि का भुगतान किया और उनकी संलिप्तता उजागर होती है। लेकिन, शासन की अनुमति नहीं मिलने की वजह से उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल नहीं हो पा रहा था। शासन की 8 साल बाद अनुमति मिलते ही सीओ कैंट सत्यजीत गुप्ता ने अरुण कुमार मिश्रा, नागेंद्र और एसके वर्मा के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस टीम ने ही अरुण कुमार मिश्रा को मंगलवार को रामादेवी के पास से गिरफ्तार किया। तत्कालीन अधिशासी अभियंता अजीत सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं। एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल ने अरुण की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।