नई दिल्ली। त्रिपुरा का एक विद्रोही समूह हथियार डालकर देश की मुख्यधारा में शामिल होने को तैयार हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओएस) पर यहां भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और सबीर कुमार देबवर्मा के नेतृत्व वाले नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्विप्रा (एनएलएफटी-एसडी) ने हस्ताक्षर किए।

इस समझौते के अनुसार एनएलएफटी-एसडी हिंसा छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने और भारतीय संविधान का पालन करने को राजी हो गया है। समूह अपने 88 सदस्यों के आत्मसमर्पण के लिए भी तैयार हो गया है। ये सभी लोग अपने हथियार भी सौंप देंगे। आत्मसमर्पण करने वालों को गृह मंत्रालय की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना 2018 के तहत मिलने वाले लाभ भी मुहैया कराए जाएंगे।

सरकारी बयान में कहा गया कि त्रिपुरा सरकार आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को आवास और शिक्षा आदि के लिए भी मदद करेगी। केंद्र सरकार राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए त्रिपुरा सरकार के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी।

गौरतलब है कि (एनएलएफटी-एसडी) पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1997 के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है। यह विद्रोही समूह 317 विद्रोही घटनाओं सहित हिंसा की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार रहा है। शांति वार्ता की शुरुआत 2015 में हुई थी और 2016 से (एनएलएफटी-एसडी) द्वारा किसी तरह की कोई हिंसा नहीं की गई।

नोट – समझौते के बारे में और जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें –http://pib.nic.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1581729

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