नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को यहां कहा कि “भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। …लिंचिग शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं हुई, ऐसे शब्द को भारतीयों पर ना थोपें।” उन्होंने जोर देकर कहा कि ये भारत को बदनाम करने की साजिश है।

संघ प्रमुख विजयदशमी के मौके पर यहां के रेशमीबाग मैदान में शस्त्र पूजा के बाद स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले “आरएसएस-पथ संचलन मार्च’ भी निकाला गया।”

भागवत ने इस दौरान जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए मोदी सरकार की तारीफ की तो चंद्रयान-2 मिशन के लिए इसरो को भी सराहा।

संघ प्रमुख ने कहा कि मॉब लिंचिंग के रूप में सामाजिक हिंसा की कुछ घटनाओं को ब्रांड करना वास्तव में हमारे देश और हिंदू समाज को बदनाम करने व कुछ समुदायों के बीच भय पैदा करने का प्रयास है। संघ का नाम इन घटनाओं से जोड़ा गया जबकि ऐसी घटनाओं से स्वयंसेवकों का कोई संबंध नहीं होता। वे इन घटनाओं को रोकने की कोशिश करते हैं। लेकिन, इस सबको तरह-तरह से पेश करके उसे झगड़ा बनाने का काम चल रहा है। एक षड्यंत्र चल रहा है, इसे सबको समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत के अलावा इतनी विविधताओं के बाद भी इतने शांति से लोगों के रहने का उदाहरण कहीं और देखने को नहीं मिलता।

भागवत ने कहा कि लिंचिंग शब्द की उत्पत्ति भारतीय लोकाचार से नहीं है। ऐसे शब्दों को भारतीयों पर न थोपें। भागवत ने कहा कि लिंचिंग खुद पश्चिमी निर्माण है, किसी को इसे भारतीय संदर्भ में देश को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हमें सद्भाव बनाने की जरूरत है, हर किसी को कानून के दायरे में रहना चाहिए। स्वयंसेवकों को यही संस्कार दिया जाता है।

मोदी और शाह को सराहा

संघ प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर मोदी सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उसमें लोगों की उम्मीदों को पूरा करने और देश के हित में लोगों की भावनाओं और इच्छाओं का सम्मान करने का साहस है। इससे साबित हो गया कि सरकार कठोर निर्णय लेने की क्षमता रखती है। धारा 370 को हटाने के लिए मोदी और शाह प्रशंसा होनी चाहिए।  

कुछ स्वार्थी लोग नहीं चाहते भारत की मजबूती

भागवत ने कहा कि अच्छी अर्थ नीतियां और सरकार के लोगों के बयानों का स्वार्थी लोगों द्वारा गलत चीजों का लाभ उठाने के लिए दुरुपयोग किया जाता है। ये लोग नहीं चाहते कि भारत मजबूत और जीवंत हो। हमें इनकी पहचान करने में सतर्क रहना चाहिए और बौद्धिक, सामाजिक स्तरों पर काउंटर करना चाहिए। आर्थिक क्षेत्र पर चिंताओं के बारे में उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की सुस्ती ने हर जगह अपना प्रभाव छोड़ा है। सरकार ने पिछले डेढ़ महीने में इस स्थिति से निपटने के लिए पहल की है। हमारा समाज उद्यमशील है और इन चुनौतियों से पार पाएगा।

पुलिस और न्यायिक प्रणाली में विश्वास बनाए रखें

भागवत ने कहा कि समाज को संविधान की सीमाओं के भीतर रहकर कोई कार्य करना चाहिए। कितना भी बड़ा मतभेद हो या उत्तेजक घटना हुई हो, समाज को संविधान की सीमाओं के भीतर रहकर कार्य करना चाहिए। देश की पुलिस और न्यायिक प्रणाली में विश्वास कायम रखना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों को आपस में सद्भावना, संवाद और सहयोग बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। आज के संदर्भ में, समाज के सभी वर्गों के बीच सद्भाव, सद्भाव और सहयोग के लिए काम करना सबसे महत्वपूर्ण है। संघ के स्वयंसेवक इस प्रकार के संवाद और सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

भारत में लोकतंत्र सदियों से चली आ रही एक परंपरा है

भागवत ने कहा कि दुनिया यह जानने के लिए उत्सुक थी कि क्या इतने बड़े देश में 2019 के चुनाव सुचारू रूप से संपन्न होंगे जिसे हमने करे दिखाया। भागवत ने कहा, “भारत में लोकतंत्र किसी भी देश से आयातित नहीं है, बल्कि एक परंपरा है जो सदियों से यहां चली आ रही है।”

समाज में  एकता के लिए काम कर रहा संघ

भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघपिछले 9 दशकों से समाज में  एकता, सद्भावना, अच्छा आचरण और अच्छा व्यवहार और राष्ट्र के प्रति एक स्पष्ट दृष्टि और भक्ति बनाने के लिए काम कर रहा है।

 शिव नादर थे मुख्य अतिथि 

संघ के सथापना दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम  में बतौर मुख्य अतिथि एचसीएल के संश्थापक व अध्यक्ष शिव नादर शामिल हुए। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस भी मौजूद थे।

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