नई दिल्ली। टीएन शेषन याद हैं न आपको, भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जिन्होंने संभवतः पहली बार नेताओं से लेकर आम आदमी तक सभी को एहसास कराया था कि चुनाव आयोग क्या होता है और उसकी शक्तियां क्या हैं। दरअसल, निर्भीक, बेबाक और दो टूक फैसले लेने वाली शख्शियतें अक्सर विवादों और अनचाही खबरों के बीच से होकर गुजरती हैं। ऐसा ही शेषन के साथ हुआ जब मंगलवार को एक बार फिर उनके निधन की अफवाह फैल गई, वह भी करीब एक साल के अंदर दूसरी बार।

टीएन शेषन के निधन की गलत जानकारी वाली पोस्ट तेजी से वायरल हुई। लोगों ने उनको श्रद्धांजलि देनी शुरू कर दी। कुछ ही देर बाद कई लोगों ने इसे अफवाह करार देते हुए शेषन के पूरी तरह से स्वस्थ्य होने की जानकारी दी।

पिछले साल भी अप्रैल में ही इस धाकड़ पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त की मृत्यु की झूठी खबरें फैली थीं, हालांकि तब उनकी पत्नी जयलक्ष्मी का देहांत हुआ था। शेषन उस समय अपनी पत्नी के साथ चेन्नई के एक वृद्धाश्रम (Old age home) में रह रहे थे।

1955 बैच के आईएएस अधिकारी टीएन शेषन 1990-96 तक मुख्य चुनाव आयुक्त थे। मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में उन्होंने कई सुधारों को भी लागू किया था।

 
 
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