वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपये (4,79,701.10 करोड़) का बजट पेश किया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को अपना तीसरा बजट पेश किया। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल द्वारा पेश किए गए 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख (4,79,701.10 करोड़) रुपये के इस बजट में हर वर्ग का ख्याल रखने का प्रयास किया गया है। यह बजट पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं।
लोकसभा चुनाव- 2019 को देखते हुए योगी सरकार ने अपने तीसरे बजट में समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा है। वित्त मंत्री ने राजेश अग्रवाल ने अपने बजट भाषण में सबसे पहले प्रयागराज में चल रहे कुंभ का जिक्र किया। अवस्थापना के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को शामिल किया गया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1194 करोड़, बुंदेलखंड एक्प्रेस-वे के लिए 1000 करोड़, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे लिए 1000 करोड़, डिफेंस कॉरिडोर के लिए 500 करोड़, आगरा-लखनऊ एक्प्रेस-वे (6 लेन) के लिए 100 करोड़ जबकि स्मार्ट सिटी योजना के तहत 758 करोड़ की व्यवस्था की गई है।
अल्पसंख्यक कल्याण के लिए इस समुदाय के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के लिए 942 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकरण के लिए 459 करोड़ रुपये रखे गए हैं।
बजट में संस्कृति विभाग का भी ध्यान रखा गया है। बजट में उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के लिए 125 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। अयोध्या में प्रमुख पर्यटन स्थलों के समेकित विकास के लिए 101 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। मथुरा-वृंदावन के मध्य आडीटोरियम के निर्माण के लिए 8 करोड़ 38 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए 50 करोड़ की व्यवस्था की गई है। वृंदावन शोध संस्थान के सुदृढ़ीकरण के लिए एक करोड़ रुपये दिए गए हैं। लखनऊ के बिजली पासी किले का भी विकास किया जाएगा।
कन्या सुमंगला योजना के तहत 1200 करोड़ पुष्टाहार के लिए व 4004 करोड़ आयुष्यमान भारत योजना के तहत 1298 करोड़ मंजूर किए गए हैं। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़ तथा आयुष्यमान योजना से वंचित लोगों के लिए मुख्यमंत्री जानारोग्य अभियान के तहत 111 करोड़ का बजट दिया गया है।
– पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 204 करोड़ रुपया की व्यवस्था प्रस्तावित।
-प्रदेश के 36 नये थानों के निमार्ण के साथ पुलिसकर्मियों एवं पीएसी की प्रशिक्षण क्षमता में विस्तार तथा पुलिसकर्मियों के लिए बैरक निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये।
– पुलिस विभाग में टाइप-ए व बी के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– प्रदेश में नवसृजित जनपद में साथ पुलिस लाइन के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रावधन।
– प्रदेश में 57 फायर स्टेशनों के साथ आवासीय व अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान।
– सरकारी क्षेत्र की बंद बड़ी चीनी मिलों के पुनर्संचालन के लिए 50 करोड़ रुपये की की व्यवस्था।
-सहकारी क्षेत्र की बंद चीनी मिलों को पीपीपी पद्धति से पुनर्संचालित करने के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 892 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
नेशनल क्रॉप इंश्योरेंस प्रोग्राम के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रावधन।
-उवर्रकों की पूर्व भण्डारण योजना के लिए 150 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
-1840 रुपय प्रति क्विंटल की दर से 6000 क्रय केंद्रों के माध्यम से गेहूं क्रय किया जाना प्रस्तावित।
-60.51 लाख क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य।
-77.26 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य।
-कृषि विपणन भण्डारण व्यवस्था सुदृढ़ करने को 40 मंडी स्थल में पांच हजार मीट्रिक टन के भण्डार गृह राज्य भण्डारण निगम की पार्टनरशिप में निर्मित कराने का कार्य शुरू।
-ग्रामीण अंचल में लगने वाले 500 हाट-पैठ का विकास 150 करोड़ रुपये की लागत से मण्डी परिषद से कराने का निर्णय।
-प्रदेश में गौ वंश संवर्द्धन के लिए पशु पालन एवं दुग्ध विकास के साथ अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। प्रदेश में शराब की बिक्री पर विशेष फीस अधिरोपित की गई है जिससे प्राप्त होने वाले अनुमानित राजस्व 165 करोड़ रुपये का उपयोग प्रदेश के निराश्रित एवं बेसहारा गौवंश के भरण-पोषण पर किया जाएगा।
-ग्रामीण क्षेत्र में गौवंश के रख-रखाव एवं गौशाला निर्माण के लिए 247.60 करोड़ रुपये।
-शहरी क्षेत्र में कान्हा गौशाला के साथ बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 200 करोट रुपये का प्रावधान।
-पंडित दीनदयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के संचालन के लिए 64 करोड़ रुपये की व्यवस्था। इसके अंतर्गत दस हजार इकाइयों की स्थापना किया जाना प्रस्तावित।
-मथुरा में नई डेयरी की स्थापना के लिए 56 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
-उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति, 2018 के अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रम के लिए पांच पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था।
-दुग्ध संघों तथा समितियों का सुदृढ़ीकरण, पुनर्गठन व विस्तारीकरण, कृषक प्रशिक्षण, तकनीकी निवेश, पशु प्रजनन व स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के लिए 93 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– मत्स्य पालक फण्ड के लिए 25 करोड़ रुपये।
-मत्स्य पालक विकास अभिकरण को वित्तीय सहायता के लिए आठ करोड़ 82 लाख रुपये प्रस्तावित।
– प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए 6,240 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारं योजना के क्रियान्वयन के लिए 3,488 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– बुंदेलखंड, विन्ध्य व गुणवत्ता प्रभावित गांवों में पाइप पेयजल योजना के लिए 3,000 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित।
– राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए 2,954 करोड़ रुपयये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए 1,393 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लिए 429 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूरल व अर्बन मिशन के लिए 224 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत 1008 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था तथा विकास कार्य के लिए 201 करोड़ 60 लाख रुपये की व्यवस्था वस्तु एव सेवा कर (जीएसटी) के भुगतान के लिए प्रस्तावित।
– स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के लिए 6,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– ग्रामीण क्षेत्र में अन्तयेष्टि स्थल के विकास के लिए सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– ग्राम पंचायतों में 750 पंचायत भवन के निर्माण के लिए 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-कांजी हाउस की स्थापना व पुनर्निमाण के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को खेल एवं रचनात्मक कार्य के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए युवक मंगल दल योजना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन योजना के लिए 1,298 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए 291 करोड़ रुपयये की व्यवस्था।
– आयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशन योजना की सुविधा से वंचित पात्र लाभार्थियों को राज्य सरकार के अपने संसाधनों से मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान से आच्छादित करने के लिए 111 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– प्रदेश के जनपदों में 100 शैयायुक्त चिकित्सालयों की स्थापना के लिए 47 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था।
– प्रदेश के चिन्हित जिलों में चिकित्सालयों को मेडिकल कॉलजों में उच्चीकृत करने की योजना के लिए 908 करोड़ रुपये का बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय, लखनऊ के विभिन्न कार्यों के लिए 907 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
– जनपद बलरामपुर में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ के सेटेलाइट सेंटर की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– संजय गांधी पीजीआइ, लखनऊ में विभिन्न कार्यों के लिए 854 करोड़ रुपये बजट व्यवस्था।
– डॉ. राममनोहर लोहिया संस्थान के विभिन्न कार्यों के लिए 396 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई के लिए 357 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– कैंसर सस्थान, लखनऊ के विस्तार एवं विकास ते लिए 248 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– प्रदेश में एक आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए दस करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– प्रदेश में हवाई पट्टियों के निर्माण, विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित।
– जेवर एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण को 800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– अयोध्या में एयरपोर्ट के लिए दो सौ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– उत्तर प्रदेश नागर विमानन प्रोत्साहन नीति, 2017 तथा रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अंतर्गत वायुसेवा के लिए 150 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
– मनरेगा वित्त पोषित पौरोपण की तीन नई योजनाएं- मुख्यमंत्री सामुदायिक वानिकी योजना, मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना एवं कृषक वृक्ष धन योजना।
– उत्तर प्रदेश प्रतिकारात्मक वनरोपण निधि प्रबंध योजना के क्रियान्वयन के लिए दो सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– उत्तर प्रदेश में 22 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य।
– वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रदेश के विभिन्न मंडल, जनपद व तहसील के अनावासीय तथा आवासीय भवन के चालू निर्माण कार्य, नवनिर्माण तथा भूमि क्रय एवं भवनों के रख-रखाव के लिए 237.95 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– आपदा मोचन निधि में 1820 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना के लिए 845 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– 2019-20 में लोक निर्माण विभाग के अधीन सड़क निर्माण के लिए 13,135 करोड़ रुपये की व्यवस्था व सड़क के अनुरक्षण के लिए 3,522 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-पुलों के निर्माण एवं रख-रखाव के लिए 2,100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-ग्रामों तथा बसावटों को पक्के संपर्क मार्ग से जोडऩे के लिए विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत वर्ष 2019-20 में कुल 850 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– अंतरराज्यीय एवं अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मार्ग, अन्य महत्वपूर्ण मार्गों के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए 1,174 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था प्रस्तावित।
– केंद्रीय मार्ग निधि योजना के लिए 2,010 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– विश्व बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश कोर रोड नेटवर्क परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण कार्य के लिए 350 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– एशियाई विकास बैंक की सहायता से प्रस्तावित उत्तर प्रदेश मुख्य जिला विकास परियोजना के अन्तर्गत मार्ग निर्माण के लिए 614 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– नाबार्ड वित्त पोषित आरआईडीएफ योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्ग के नवनिर्माण, चौड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण के साथ सेतुओं के निर्माण के लिए 702 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था।
– विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्वांचल विशेष योजना के लिए 300 करोड़ रुपये तथा बुंदेलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिए दो सौ करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– मध्य गंगा नहर योदना के द्वितीय चरण के लिए 1,727 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
– सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के कार्य के लिए 1812.56 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– अर्जन सहायक परियोजना के लिए 953 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– सरयू नहर परियोजना फेज-3 समादेश क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम के लिए 500 करोड़ रुपये तथा अर्जन नहर परियोजना समादेश, क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन कार्यक्रम के लिए सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– बाढ़ नियंत्रण व जल निकासी परियोजना के लिए 1100.61 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– कनहर सिंचाई परियोजना के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
– बाणसागर परियोजना के लिए 122 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– नि:शुल्क बोरिंग योजना के लिए 55 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– मध्यम गहरे नलकूप योजना के अंतर्गत 70 करोड़ रुपये की योजना व्यवस्था प्रस्तावित।
– प्रदेश के पठारी क्षेत्र में सिंचाई के लिए सामुदायिक ब्लास्ट कूप के निर्माण तथा जीर्णोद्धार के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए कुल 3194 करोड़ रूपये की व्यवस्था।
-पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1194 करोड़ रुपये।
-बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 1000 करोड़ रुपये व गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस कॉरिडोर विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
-आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे प्रवेश नियंत्रित छह लेन (ग्रीन फील्ड) परियोजना के सुदृढ़ीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
-अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, 2012 के क्रियान्वयन को 600 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित।
-नई औद्योगिक नीति’औद्योगिक नीति और औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017″ के लिए 482 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
-औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना, 2003 के लिए 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
– औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना 2012 के लिए 180 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
-एक जनपद एक उत्पाद योजना के लिए 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
-प्रदेश में युवाओं को स्वरोजगार से जोडऩे के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए सौ करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था।
– प्रदेश के परंपरागत कारीगरों तथा बढ़ई, दर्जी, टोकरी बुनकर, सुनार, लोहार, कुम्हार, हलवाई, नाई, मोची व राजमिस्त्री के उत्थान के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना। 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
– सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग प्रोत्साहन नीति-2017 के क्रियान्वयन के लिए 10 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था।
-पॉवरलूम व बुनकरों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 150 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
– उत्तर प्रदेश हैंडलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमेन्टिग पॉलिसी, 2017 के लिए 50 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था।
– मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के लिए पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था।
-प्रदेश में मिट्टी का कार्य करने वाले शिल्पियों के परंपरागत व्यवसाय को नवाचार के माध्यम से संरक्षित एवं सवंद्धित करने के लिए उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है। माटी कला समन्वित विकास कार्यक्रम संचालन के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
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