देहरादून। भारत में कोरोना की दूसरी लहर के बीच संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्यों से आने वाले लोगों पर सख्ती करने के साथ ही राज्य की सीमाएं सील कर दी हैं। राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश समेत 12 राज्यों से आने वाले यात्रियों से उत्तराखंड आने के दौरान अपने साथ कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लाने को कहा है। यह व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू हो जाएगी। यह स्पष्ट किया गया है कि यह रिपोर्ट उत्तराखंड आने से पहले के 72 घंटे से अधिक अवधि की नहीं होनी चाहिए। यह नियम उत्तर प्रदेस के साथ ही महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ से आने वाले यात्रियों पर लागू होगा।

दरअसल, फरवरी 2021 की शुरुआत के साथ ही कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे थे जिनमें पिछले एक पखवाड़े में अप्रत्याशित तेजी आई है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को आगाह किया था कि कोविड-19 (कोरोना) संबंधी स्थिति हाल के दिनों में बद से बदतर हुई है, यह बड़ी चिंता का कारण है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि आरटी-पीसीआर पर ध्यान केंद्रित कर जांच संख्या में वृद्धि की जाए, संक्रमित लोगों को तुरंत पृथक किया जाए, संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जाए और  देखरेख संबंधी संसाधनों को मजबूत किया जाए। इस बीच निति आयोग ने भी चेताया है, “हम कई जिलों में बेहद ही गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, पूरे देश पर खतरा है। वायरस को रोकने और जान बचाने के लिए सभी प्रयास किए जाने की जरूरत है।”

उत्तराखंड सरकार मुख्यतः राज्य में कई धार्मिक आयोजन करीब-करीब एक साथ शुरू होने की वजह से अत्यंत चिंतित है। हरिद्वार में 1 अप्रैल से कुंभ मेला शुरू हो रहा है। पूर्णागिरि मेला भी शुरू हो चुका है। साथ ही उत्तराखंड के लाखों लोग अन्य राज्यों में नौकरी करते हैं जो स्वयं या उनके परिवार के सदस्य अपने गृह राज्य आते रहते हैं। ऐसे में राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने की आशंका है। यही कारण है सरकार ने कोरोना पर नियंत्रण पाने को अब बाहर से आने वाले यात्रियों पर सख्ती की है।

उत्तराखंड सरकार ने आदेश दिया है कि राज्य में आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बार्डर चेकपोस्ट पर कोरोना की रेंडम जांच की जाए। सभी लोगों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी एसओपी का अनुपालन करना होगा।

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