लखनऊ। लखनऊ स्थित सैन्य छावनी में भाजपा नेता डॉ. संजय सिंह के बंगले के अवैध कब्जे को शनिवार को सेना और रक्षा संपदा अधिकारी ने मिलकर हटा दिया। करीब चार एकड़ में फैले अमेठी हाउस नाम के इस बंगले में सेना की लगभग तीन एकड़ जमीन पर डॉ. संजय सिंह का कब्जा था। सेना ने बंगले के एक एकड़ क्षेत्रफल को छोड़कर दोनों ओर अपनी जमीन पर बाड़ लगा दी है। डॉ. संजय सिंह कभी कांग्रेस में हुआ करते थे और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
गौरतलब है कि सेना ने इससे पहले अक्टूबर 2018 में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बंगले में उनके कब्जे से तीन एकड़ जमीन खाली करायी थी। नसीमुद्दीन कभी बसपा में मायावती के बाद दूसरे नंबर के नेता हुआ करते थे और मायावती की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे।
क्या है मामला
अमेठी हाउस नाम का यह बंगला 13 सरदार पटेल मार्ग पर स्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 4.15 एकड़ है। इस बंगले की जमीन एक नवंबर 1929 को 30 साल की लीज पर सालाना 36 रुपये की दर पर जगन्नाथ प्रसाद व अन्य को दी गई थी। छावनी परिषद ने एक जांच में 30 मई 1978 को माना था कि 4.15 एकड़ में से केवल 1.001 एकड़ जमीन ही बंगले के हिस्से की है जबकि 3.149 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। जगन्नाथ ने लीज के 1.001 एकड़ जमीन के साथ बंगले को 7 दिसंबर 1983 को डॉ. संजय सिंह की बहन श्यामा देवी को बेच दिया था। श्यामा देवी ने इस बंगले को डॉ. संजय सिंह के नाम कर दिया। इस बंगले की 90 साल की मियाद नवंबर 2019 में समाप्त हो गई थी। इसके बाद रक्षा संपदा अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी ने मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय को पत्र लिखा था। सब एरिया मुख्यालय के आदेश पर 10 जनवरी 2020 को रक्षा संपदा अधिकारी अभिषेक त्रिपाठी और उनकी टीम ने बंगले की जांच की जिसमें तीन एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया था। इसके बाद 13 जनवरी को बंगले के गेट पर तीन एकड़ जमीन को खाली करने की नोटिस चस्पा कर दी गई।
सूत्रों के मुताबिक डॉ. संजय सिंह ने रक्षा मंत्रालय में भी बंगले की नोटिस को लेकर मामला उठाया था। हालांकि मंत्रालय की ओर से कोई आदेश नहीं आए। इसके बाद सेना के कर्नल क्यू आरके सिंह व क्यूआरटी ने शनिवार सुबह बंगले का तीन एकड़ का हिस्सा खाली करा लिया।