नई दिल्ली। (FM Nirmala Sitharaman Press Conference) केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने रविवार सुबह आत्मनिर्भर भारत पैकेज (Atmanirbhar Bharat Package) की पांचवीं और अंतिम किस्त पेश की। उन्होंने कहा कि इस पैकेज में Land, Labor, Liquidity and Law पर जोर दिया गया है। उन्होंने कुल सात कदमों की घोषणा की। इसमें मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, व्यापार, डी-क्रिमिनलाइजेशन ऑफ कम्पनीज ऐक्ट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, सार्वजिनिक क्षेत्र के उपक्रम, राज्य सरकारें और उन्हें दिए गए संसाधन शामिल हैं। गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से खराब हुई देश की आर्थिक सेहत में जान फूंकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 12 मई को 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की थी।
खास बातें
-मनरेगा का बजट आवंटन 61,500 करोड़ रुपये था। अब घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों को उनके ही राज्य में काम मिल सके, इसके लिए 40 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
-वन नेशन वन डिजिटल प्रोग्राम आएगा। पीएम ई-विद्या प्रोग्राम की जल्द शुरुआत होगी। शिक्षा के लिए दीक्षा नाम का नया प्लेटफॉर्म। हर क्लास के लिए टीवी चैनल शुरू होगा। रेडियो, कम्युनिटी रेडियो और पॉडकास्ट्स का प्रयोग बढ़ेगा। दिव्यांग बच्चों के लिए नया कंटेंट डेवलप किया जाएगा। टॉप 100 विश्वविद्यालयों को ऑटोमेटिकली ऑनलाइन कोर्सेज शुरू करने की इजाजत मिलेगी।
-नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज पॉलिसी। इस पॉलिसी के तहत सभी सेक्टर्स को निजी क्षेत्र के लिए खोला जाएगा। इसके लिए सरकार एक नई नीति लाएगी। इसके तहत कुछ सेक्टर्स को स्ट्रेटिजक सेक्टर के रूप में अधिसूचित किया जाएगा।
-अधिसूचित स्ट्रैटिजिक सेक्टर में कम-से-कम एक पब्लिक सेक्टर कंपनी रहेगी लेकिन निजी क्षेत्रों को भी इस सेक्टर में शामिल किया जाएगा। अन्य सेक्टर्स में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में उचित समय को देखते हुए फैसला किया जाएगा।
-स्ट्रैटिजिक सेक्टर में चार से अधिक पब्लिक सेक्टर कंपनियां नहीं होंगी। चार से अधिक पब्लिक सेक्टर अगर किसी स्ट्रैटिजिक सेक्टर में हैं तो उनका विलय किया जाएगा।
-छोटी तकनीकी प्रक्रियात्मक चूक को अपराध से बाहर किया जाएगा। यौगिक जुर्म में 18 सैक्शन से बढ़ाकर 58 सैक्शन कर दिए गए है। इससे कंपनी की हरासमेंट कम होगी। इससे अदालतों पर बोझ कम होगा और कंपनियों कि उत्पादकता बढ़ेगी।
-निजी कंपनियों के लिए कारोबार सुगमता। अब देश की कंपनियां अपने प्रतिभूतियों को मंजूरी वाले विदेशी बाजारों में सीधे लिस्ट कर पाएंगी।
-IBC से जुड़े मामलों को लेकर अहम घोषणा की। दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए थ्रेसहोल्ड को एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये किया जाएगा।
-कोरोना वायरस की वजह से बकाया कर्ज को Default में शामिल नहीं किया जाएगा। अगले एक साल तक कोई भी नई इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी। MSMEs के लिए विशेष दिवालिया समाधान ढांचा को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा।
-सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में खर्च में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है। ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाएगी।
-जिला स्तर के सभी अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों के लिए अलग से ब्लॉक बनाया जाएगा। लैब नेटवर्क को बेहतर बनाया जाएगा। महामारी से मुकाबले के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर एकीकृत स्वास्थ्य प्रयोगशाला की स्थापना की जाएगी।
सरकार ने उठाए ये कदम
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने अब क्या किया है, इसकी जानकारी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 15,000 करोड़ रुपये में से 4,113 करोड़ रुपये राज्यों को दिए गए। 3,750 करोड़ से जरूरी उपकरण खरीदे गए। हर हेल्थ प्रोफेशनल के लिए 50 लाख रुपये के इंश्योरेंस का प्रावधान किया गया। एपिडेमिक ऐक्ट में बदलाव कर हेल्थ वर्कर्स तक मदद पहुंचाई गई। आज देश में 300 से ज्यादा मैनुफैक्चरर्स PPE किट्स बना रहे हैं। हमने 51 लाख PPEs, 87 लाख N95 मास्क सप्लाई किए हैं।
अब तक कैसे पहुंचाई मदद
- 16 मई तक प्रधानमंत्री किसान निधि के तहत 8.19 करोड़ किसानों तक मदद पहुंचाई गई है। हर किसान को 2,000 रुपये मिलते हैं।
- NSAP के तहत, पहली किस्त 1,405 करोड़ रुपये की, दूसरी 1,402 करोड़ रुपये की दी गई है। 3,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य लगभग पूरा।
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 20 करोड़ महिलाओं के जन-धन खातों में रुपये डाले गए हैं। कुल 10,025 करोड़ रुपये खातों में भेजे गए।
- निर्माण श्रमिकों को 3,950 करोड़ रुपये दिए गए हैं। 2.2 करोड़ श्रमिकों को मदद पहुंची है।
- उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ सिलिंडर्स मुफ्त दिए गए हैं।
- श्रमिकों के लिए रेल यात्रा का 85 प्रतिशत खर्च केंद्र ने उठाया। भोजन भी केंद्र ने दिया।
- कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPFO) योजना के 12 लाख लाभार्थी हैं। EPF से अब तक 3,660 करोड़ रुपये निकाले गए हैं।