नई दिल्ली। 15 जनवरी 2021 से 14, 18 और 22 कैरेट सोने से बने हॉलमार्क वाले आभूषण और स्वर्ण कलाकृतियां ही बेची जा सकेंगी। इस नियम का उल्लंघन करने वाले आभूषण विक्रेताओं पर जुर्माने और एक वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है।

 उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने मंगलवार को मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) में पंजीकरण और अनिवार्य हॉलमार्किंग की व्यवस्था के लिए आभूषण विक्रेताओं को एक साल का समय दिया गया है।”  पासवान ने आगे कहा, “अभी हॉलमार्किंग 10 कैटिगरी में की जाती है। आगे हॉलमार्क वाले स्वर्ण केवल तीन श्रेणियों 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट के तीन ग्रेड में उपलब्ध होंगे।”

 उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इस नियम के बारे में 16 जनवरी को अधिसूचना जारी करेगा जिसमें 15 जनवरी 2021 से सोने के आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग का प्रावधान होगा। सोने की हॉलमार्किंग अभी स्वैच्छिक है। बीआईएस अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग की योजना चला रहा है। अभी बाजार में लगभग 40 प्रतिशत सोने के आभूषणों की हॉलमार्किंग हो रही है।

फिलहाल, देश में 234 जिलों में 892 आकलन एवं हॉलमार्किंग केंद्र हैं और 28,849 आभूषण विक्रेताओं ने बीआईएस पंजीकरण लिया हुआ है। पासवान ने कहा,  “हमने सभी जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र खोलने और इस एक साल में सभी आभूषण विक्रेताओं को पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा है। इसके बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।”

बीआईएस के वरिष्ठ अधिकारी एचएस पसरीचा ने कहा कि हॉलमार्किंग मानदंड के उल्लंघन पर एक लाख रुपये से लेकर माल के मूल्य के पांच गुना तक का जुर्माना लगाया जा सकता है और एक साल की कैद भी हो सकती है। सरकार ने 10 अक्टूबर 2019 को डब्ल्यूटीओ की वेबसाइट पर हॉलमार्किंग मानक के लिए मसौदा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का मसौदा रखा था। उस पर किसी ने कोई सुझाव या टिप्पणी नहीं दी है।

विश्व व्यापार संगठन के वैश्विक व्यापार नियमों के अनुसार, सदस्य देशों को अपने गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को अधिसूचित करना होता है और इस पूरी प्रक्रिया में दो महीने का समय लगता है। निर्यातक देशों को उस गुणवत्ता नियंत्रण आदेश का अनुपालन करना होता है। भारत सोने का सबसे बड़ा आयातक देश है और हर साल 700-800 टन सोने का आयात करता है।

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