नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में दक्षिण दिल्ली के शाहीन बाग में 15 दिसंबर 2019 से चल रहे धरना-प्रदर्शन के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने अंतरिम आदेश तो नहीं दिया लेकिन इतनी टिप्पणी जरूर की कि “किसी सार्वजनिक जगह को प्रदर्शन के लिए जाम नहीं किया जा सकता” है।शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। अगली सुनवाई 17 फरवरी 2020 को होगी।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को लेकर कहा था कि वह शुक्रवार को सुनवाई करके दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित नहीं करना चाहता। इसी के साथ न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा था, “हम इस बात को समझते हैं कि वहां समस्या है और हमें देखना होगा कि इसे कैसे सुलझाया जाए।” पीठ ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वह सोमवार को इस बात पर बहस करने के लिए तैयार होकर आएं कि इस मामले को दिल्ली हाई कोर्ट को वापस क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए।
शाहीन बाग में धरना-प्रदर्शन की वजह से दिल्ली के कालिंदी कुंज मार्ग पर लगा जाम। फाइल फोटो
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