नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक एक दिन पहले शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “हम परेशानी समझते हैं लेकिन हमें इस बारे में सोचना होगा कि इस समस्या को कैसे सुलझाएं।” मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ में हुई।

अमित साहनी की याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में 8 फरवरी को चुनाव हैं, ऐसे में ट्रैफिक की समस्याओं को देखते हुए शाहीन बाग पर तत्काल आदेश दिया जाए। हालांकि, न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि हम इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को करेंगे। उन्होंने याचिकाकर्ता से इंतजार करने की अपील की। अमित साहनी इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट हाईकोर्ट में भी याचिका दायर कर शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग कर चुके हैं। हालांकि, कोर्ट ने बिना किसी औपचारिक आदेश के अधिकारियों से इस मामले को देखने के लिए कहा था। इसके बाद साहनी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।

साहनी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिल्ली-नोएडा और फरीदाबाद को जोड़ने वाले कालिंदी कुंज-मथुरा रोड क्षेत्र में ब्लॉकेड की वजह से स्थितियां बिगड़ रही हैं। इसकी वजह से डीएनडी फ्लाईओवर पर ट्रैफिक बढ़ रहा है, इसे कम करना होगा। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग के आसपास रहने वाले लोगों को सड़क बंद होने की वजह से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 

 डेढ़ महीने से चल रहा है धरना

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ ओखला के शाहीन बाग इलाके में 15 दिसंबर से महिलाओं और बच्चों समेत हजारों लोग धरने पर बैठे हैं। बीती 2 फरवरी को पहली बार शाहीन बाग के धरनों के विरोध में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया। उनकी कहना था कि धरने पर बैठे लोगों ने नोएडा और कालिंदी कुंज को जोड़ने वाली सड़क पर कब्जा कर रखा है। इसकी वजह से लोगों को आने-जाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

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