लखनऊ । उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में अंदरुनी कलह अभी थमा नहीं है। समाजवादी पार्टी में सत्ता परिवर्तन के बाद हाशिये पर पहुंचे पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव आगामी 11 मार्च के बाद अपनी नई पार्टी बनाएंगे। समाजवादी पार्टी ने शिवपाल को इटावा जिले की जसवंतनगर सीट से प्रत्याशी बनाया है। हाल ही में चाचा-भतीजे की जंग और पार्टी में मची अंतर्कलह सुखिर्यों में थी।
शिवपाल ने जसवंतनगर विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद नुमाइश पंडाल में आयोजित जनसभा में आज ऐलान किया कि वह 11 मार्च के बाद नई पार्टी बनाएंगे। इसी तारीख को विधानसभा चुनाव के नतीजे भी आएंगे। सपा छोड़कर गये या निकाले गये नेताओं को उस दल में शामिल करेंगे। उन्होंने सपा अध्यक्ष मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर तंज करते हुए कहा कि अखिलेश देख लेना कि 11 मार्च के बाद आप सरकार बना लो। हम 11 मार्च के बाद पार्टी बनाएंगे। हम पांच साल से मेहनत कर रहे हैं, आखिर हम कहां जाएं। सपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा निकाले गये या बागी हुए उन समाजवादी नेताओं के पक्ष में प्रचार करेंगे, जो चुनाव मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग किन्हीं कारणवश सपा से अलग हो गये हैं, उन्हें अपनी नयी पार्टी में शामिल करेंगे।
उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सरकार बनाकर दिखाने की चुनौती भी दी। शिवपाल ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की चार सीटें जीतने की हैसियत भी नहीं है। ऐसे में पार्टी को 100 से अधिक सीटें देने से पार्टी कार्यकर्ताओं को निराशा होगी। सपा नेता ने कहा कि कोई व्यक्ति पद से नहीं बल्कि कार्यों से बड़ा होता है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा सपा-कांग्रेस गठबंधन का विरोध करते हुए सपा नेताओं से कांग्रेस की सीटों पर चुनाव लड़ने के आहवान के बाद शिवपाल का नया एलान अखिलेश के लिये चुनावी गणित के लिहाज से मुश्किलें खड़ी कर सकता है। शिवपाल ने कहा कि मैं हमेशा नेताजी के साथ रहूंगा लेकिन उनका अपमान बिल्कुल नहीं सहूंगा। मुझे अपने अच्छे कामों की सजा मिली है। जिन लोगों ने गड़बड़ियां की उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाथरस में अपनी चुनावी रैली में शिवपाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि अच्छा हुआ कि ‘साइकिल’ उनके हाथ में आ गयी है। जो भी लोग भितरघात कर रहे थे, वे साथ नहीं रह सकते। शिवपाल ने तंज भरे लहजे में कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अगर टिकट देकर उन पर ‘मेहरबानी’ नहीं करते तो वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जसवंतनगर से ही चुनाव लड़ते।
मालूम हो कि गत एक जनवरी को सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। हाल में चुनाव आयोग द्वारा अखिलेश के सपाई धड़े को ही असली समाजवादी पार्टी करार दिये जाने के बाद शिवपाल बिल्कुल हाशिये पर आ गये हैं। हालांकि अखिलेश ने शिवपाल को जसवन्तनगर सीट से उम्मीदवार बनाया है।
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