नई दिल्ली। अयोध्या के श्रीराम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के करीब तीन महीने बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान किया। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास होगा। यह पूरी तरह से मंदिर निर्माण कार्य के लिए स्वतंत्र होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए पांच एकड़ जमीन को भी राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है।
संसद सत्र के पांचवें दिन मोदी ने कहा, “आज मैं बहुत ही अहम मुद्दे पर एक जानकारी देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। यह विषय करोड़ों देशवासियों की तरह मेरे हृदय के लिए भी करीब है। यह विषय श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है। यह विषय अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण से जुड़ा हुआ है।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “9 नवंबर 2019 को मैं करतापुर साहिब कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए पंजाब में था। उस दिन दिव्य वातावरण में मुझे देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा राम जन्मभूमि को लेकर फैसले के बारे में पता चला था। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि इस पर रामलला का ही हक है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि केंद्र और राज्य सरकार आपस में परामर्श कर सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करे।”
उन्होंने आगे कहा, “आज मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि आज सुबह हुई कैबिनेट की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं। मेरी सरकार ने कोर्ट के आदेशानुसार, श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए एक वृहद योजना तैयार की है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, भगवान राम के मंदिर ट्रस्ट का नाम श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा। यह ट्रस्ट मंदिर निर्माण पर फैसले लेने के लिए पूर्ण तौर पर स्वतंत्र होगा।”
उन्होंने कहा कि काफी गहन विचार के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए 5 एक जमीन के लिए राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। अयोध्या धाम की पवित्रता से हम सभी भलीभांति पर परिचित हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण और भविष्य में राम लला के दर्शन के लिए और आने वाले समय में श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी भावना का ध्यान रखते हुए एक फैसला लिया गया है। उनकी सरकार ने फैसला किया है कि अधिगृहीत संपूर्ण भूमि जो लगभग 67.03 एकड़ है, जिसमें भीतरा और बाहरी आंगन भी सम्मिलित है, उसे नव गठित श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 नवंबर को राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सभी लोगों ने परिपक्वता का उदाहरण दिया था। आज सदन में वह सभी देशवासियों का इसके लिए प्रशंसा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में हर पंथ के सभी लोग एक वृहद परिवार के सदस्य हैं। इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वे सुखी और स्वस्थ हों, इस दिशा में उनकी सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ काम कर रही है।