नई दिल्ली। कहावत है कि ज्यादा सयाना बनने वाले लोग खुद अपनी ही हरकतों की वजह से शर्मिंदा होते है। ऐसे ही चीन के साथ हुआ। पूर्वी लद्दाख में हुई झड़प में अपनी पीठ थपथपाने की चाह रखने का उसका दांव सोमवार की रात उल्टा पड़ गया। चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी-4 ने लद्दाख मुद्दे पर कुछ ऐसी सैटेलाइट तस्वीरें प्रसारित कीं जिससे भारत का दावा और पुख्ता हो गया। इन तस्वीरों से भारत की उस बात को बल मिला जिसमें कहा गया था कि गलवान घाटी में मई की शुरुआत में चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में जवानों की गतिविधियों को रोकने की कोशिश की थी।
चीन के सरकारी टीवी चैनल पर जो सैटेलाइट तस्वीरें दिखाई गईं, उनमें गलवान नदी के पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भारतीय हेलीकॉप्टर पैड और कैंप्स थे। यह स्थान पश्चिमी हिमालय में समुद्री स्तर से 14 हजार फीट की ऊंचाई पर है। इससे पहले, 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई थी।
सीसीटीवी-4 पर प्रसारित की गईं सैटेलाइट तस्वीरों में यह तो नहीं पता चल सका है कि ये किस तारीख की हैं लेकिन एलएसी पर भारत की ओर पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर भारतीय सैनिक और नवनिर्मित हेलीपैड दिखाई दे रहे हैं। इससे यह साफ हो रहा है कि चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय निर्माण और सैनिकों को पीछे किया गया था। वहीं, 25 जून के बाद की सैटेलाइट तस्वीरों में वहां चीनी निर्माण को देखा गया। भारत हमेशा कहता आया है कि गलवान नदी तटबंध वाला क्षेत्र हमारा है जो कि पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 तक जाता है।