प्रकाश नौटियाल, देहरादून : उत्तराखंड में मौसम साफ हुआ तो कुमाऊं मंडल में चारों ओर तबाही का मंजर नज़र आ रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को हवाई सर्वेक्षण कर आसमानी आफत से हुई बर्बादी का जायजा लिया। उन्होंने राज्य में आपदा में 64 लोगों के मरने की जानकारी दी है। 11 से ज्यादा लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं। नैनीताल, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में सड़कें पूरी तरह से खोल दी गईं हैं। इस बीच, सर्वाधिक प्रभावित कुमाऊं क्षेत्र में संपर्क बहाल करने और संवेदनशील इलाकों से लोगों को बाहर निकालने के प्रयासों के बीच राहत एवं बचाव कार्य जारी है। हालांकि बागेश्वर जिले के ग्लेशियर क्षेत्र में 54 लोग फंसे हैं जबकि चार पर्यटकों की मौत हो चुकी है।
प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर लौटे अमित शाह ने देहरादून में मीडिया से बातचीत में कहा कि देवभूमि में आई आपदा का हवाई निरीक्षण करने पर यहां हुई तबाही की मोटी तस्वीर देखने को मिली। राज्य और केंद्र सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ भी बैठक की। समय पर बारिश की चेतावनी के कारण नुकसान की सीमा को नियंत्रित किया जा सका। अब चार धाम यात्रा फिर से शुरू हो गई है।
शाह ने बताया कि भारत सरकार के मौसम विभाग की ओर से समय पर चेतावनी मिलने के कारण बहुत कम नुकसान हुआ है, कम से कम जन हानि बहुत कम हुई है। अब तक सरकार के पास 64 मृत्यु अधिकृत रूप से रजिस्टर हुई हैं और 11 से ज़्यादा लोग लापता हैं।
गृह मंत्री शाह ने कहा कि बिजली की उपलब्धता 60% से ज़्यादा कर दी गई है। राज्य सरकार ने रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत अच्छे तरह से चलाया है। 80% जगहों पर टेलीफोन नेटवर्क को रिस्टोर कर दिया गया है। 3500 से ज़्यादा लोगों को रेस्क्यू किया गया। नैनीताल, अल्मोड़ा और हल्द्वानी में सड़कें पूरी तरह से खोल दी गईं हैं। इसके अलावा पावर स्टेशन जल्द ही परिचालन फिर से शुरू करने के लिए तैयार हैं।
शाह ने बताया कि, उत्तराखंड में भारी बारिश की वजह से से अब तक कोई बाहर से आया पर्यटक हताहत नहीं हुआ है। 3500 से अधिक लोगों को बचाया गया और 16,000 से अधिक लोगों को एहतियाती तौर पर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 17 टीमें, एसडीआरएफ की 7 टीमें, पीएसी की 15 कंपनियां और 5000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड के बारिश से प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार देर रात देहरादून पहुंचे थे। प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वे में उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल ले. जर्नल (रि.) गुरमीत सिंह भी मौजूद रहे।
बागेश्वर जिले के पिंडारी, सुंदरढूंगा और कफनी ग्लेशियर क्षेत्र में अभी भी 54 लोग फंसे हुए हैं। वहीं, सुंदरढूंगा घाटी में मैकतोली, भानूटी ग्लेशियर के आस-पास ट्रैक पर गए चार पर्यटकों की मौत हो गई है और दो अन्य लापता हैं। यह जानकारी उनके साथ बतौर पोर्टर गए सुंदरढूंगा के सुरेंद्र सिंह पुत्र हरक सिंह ने दी है। कफनी ग्लेशियर ट्रैक में 20 गांव वाले भी फंसे हुए हैं। बागेश्वर के जिला आपदा विभाग को दो दिन पहले कोलकाता से किसी महिला ने फोन कर बताया था कि उसके परिजन और उनके मित्र सुंदरढूंगा घाटी में ट्रैक पर गए हैं, जहां उनके साथ दुर्घटना होने की सूचना उन्हें मिली है। महिला ने आपदा विभाग से इस बारे में उनकी मदद करने की गुहार भी लगाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उक्त महिला ने देहरादून मुख्यालय से गुहार लगाई।
देहरादून मुख्यालय से कार्रवाई करने के निर्देश के बाद बागेश्वर जिला प्रशासन हरकत में आया और 20 अक्तूबर को देर शाम एक टीम को राहत-बचाव के लिए रवाना किया गया। हालात गंभीर होते देख गुरुवार को जिला प्रशासन ने एक टीम फिर भेजी और इसके साथ ही हेलीकॉप्टर से राहत-बचाव अभियान की कवायद भी शुरू कर दी गई है।
जिला सूचना अधिकारी बागेश्वर के मुताबिक पिंडारी, सुंदरढूंगा व कफनी ग्लेशियर में 34 लोग फंसे हुए हैं। अतिवृष्टि के कारण पिंडारी ग्लेशियर ट्रैक पर पड़ने वाले गांव द्वाली में 18 पर्यटक, 06 विदेशी और 10 गांव वाले फंसे हुए हैं। वहीं कफनी ग्लेशियर ट्रैक में 20 गांव वाले और सुंदरढूंगा ग्लेशियर ट्रैक में कुल छह पर्यटक फंसे हुए हैं।
जिलाधिकारी विनीत कुमार के निर्देशन में तहसील कपकोट से राजस्व विभाग, पुलिस और वन विभाग की दो टीम 20 अक्तूबर को रवाना की गई हैं जबकि गुरुवार को दो और टीमों को रवाना किया गया है। इसके साथ ही हेलीकॉप्टर से बचाव अभियान चलाए जाने का भी फैसला लिया गया है।
गुरुवार को एक बार फिर वायुसेना के हेलीकॉप्टर ने पिथौरागढ़ और कपकोट के लिए उड़ान भरी। जहां आपदा प्रभावितों के लिए राहत-बचाव चलाया गया। साथ ही वायु सेना ने एमआई 17 हेलीकॉप्टर को भी इस अभियान में उतार दिया है। इसमें एनडीआरएफ के जवान प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव का कार्य करेंगे।
उत्तरकाशी के हर्षिल से लम्खागा पास होते हुए छितकुल हिमाचल की ट्रैकिंग के लिए गए 8 पर्यटकों समेत 11 पर्यटक लापता हो गए थे। इनकी खोजबीन में गई टीम को गुरुवार को मौके पर पांच लोगों के शव दिख गए हैं। अन्य लापता लोगों की तलाश जारी है।
उत्तराखंड में 17 से 19 अक्तूबर तक बारिश ने जमकर कहर बरपाया। इसकी वजह से गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के अधिकतर रास्ते बंद हो गए थे और चारधाम यात्रा भी रोक दी गई थी। अब मौसम साफ होते ही केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा सुचारू कर दी गई है। बदरीनाथ हाईवे चौथे दिन खोल दिया गया है।
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