रोहित शेखर तिवारीरोहित शेखर तिवारी और उनकी पत्नी अपूर्वा शुक्ला (फाइल फोटो)

नयी दिल्ली। यूपी-उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। रोहित की हृदय गति उनके हौज खास स्थित निवास पर रुक गयी थी। रोहित तिवारी को आनन-फानन में मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बता दें कि पिछले साल अप्रैल में ही रोहित की सगाई मध्यप्रदेश की अपूर्वा शुक्ला से रोहित के दिल्ली स्थित आवास पर हुई थी। मई में रोहित और अपूर्वा परिणय सूत्र में बंध गए थे। इस आयोजन में रोहित के करीबी रिश्तेदारों और मित्रों ने भाग लिया था। सगाई के बाद रोहित और अपूर्वा मैक्स हॉस्पिटल गए थे जहां रोहित के पिता एनडी तिवारी का इलाज चल रहा था। रोहित की मां डॉ. उज्ज्वला तिवारी और अपूर्वा के माता-पिता भी अस्पताल गए थे।

बता दें कि अपूर्वा मध्यप्रदेश के इंदौर से हैं और तब सुप्रीम कोर्ट में वकालत के तौर पर प्रैक्टिस कर रही थीं। रोहित ने जनवरी 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ली थी। रोहित एनडी तिवारी और उज्ज्वला शर्मा की जैविक (बायोलॉजिकल) संतान थे।

एनडी तिवारी प्यार से रोहित को गुंजनू बुलाते थे। यह बात रोहित ने खुद बताई थी। दोनों के बीच चल रहा कानूनी विवाद मार्च 2014 में खत्म हुआ था, जिसके बाद रोहित अपने पिता के साथ ही रह रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का लंबी बीमारी के बाद पिछले साल 18 अक्तूबर को निधन हो गया था।

रोहित के जैविक पिता थे एनडी तिवारी

साल 2008 में रोहित एनडी तिवारी के खिलाफ अदालत पहुंचे थे। रोहित ने दावा किया था कि वह पूर्व कांग्रेस नेता और अपनी मां उज्ज्वला शर्मा के बेटे हैं। एनडी तिवारी ने दिल्ली हाईकोर्ट में इस मामले को खारिज करने की गुहार भी लगाई थी। हालांकि, कोर्ट ने 2010 में तिवारी की इस गुहार को खारिज कर दिया था।

23 दिसंबर 2010 को हाईकोर्ट ने सच्चाई जानने के लिए दोनों को डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया था। हालांकि, एनडी तिवारी ने इसके खिलाफ भी खूब हाथ-पांव मारे थे और सुप्रीम कोर्ट भी गए थे। लेकिन, वहां से भी उन्हें खाली हाथ ही लौटना पड़ा था।

कोर्ट के आदेश के बाद 29 मई 2011 को एनडी तिवारी ने डीएनए जांच के लिए खून दिया था। इसकी रिपोर्ट 27 जुलाई 2012 को दिल्ली हाईकोर्ट में खोली गई। हालांकि, इस पर भी एनडी तिवारी ने अपील की थी कि इस रिपोर्ट को सार्वजनिक न किया जाए। लेकिन, कोर्ट ने उनकी इस अपील को नजरअंदाज कर दिया था। रिपोर्ट में रोहित का दावा सही साबित हुआ कि एनडी तिवारी ही रोहित के जैविक पिता थे।

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