रामपुर। समाजवादी पार्टी के सांसद व कभी उत्तर प्रदेश की सपा सरकारों में ताकतवर कैबिनेट मंत्री रहे आजम खान की मुश्किलें हर गुजरते दिन के साथ बढ़ती जा रही हैं। जौहर विश्वविद्यालय के लिए जमीन हथियाने तथा किताब, मूर्ति, भैंस, बकरी चोरी आदि में दर्जनों मुकदमे दर्ज होने तथा रामपुर जिला प्रशासन द्वारा भू-माफिया घोषित कर दिए जाने के बाद भी नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। अब उन पर क्वालिटी बार पर कब्जा करने का आरोप लगा है। इस मामले में उनके खिलाफ दुकान में घुसकर नुकसान करने और लूटपाट का मुकदमा दर्ज हुआ है।

क्वालिटी बार जिला सहकारी संघ (डीसीडीएफ) की दुकान में चल रहा था। इस मामले में आरोप है कि आजम खान ने यह दुकान अपनी पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा के नाम आवंटित करा ली थी। बार संचालक ने इस मामले में सिविल लाइंस कोतवाली में आजम समेत उनके करीबी डीसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन मास्टर जाफर, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां और सहकारी संघ के तत्कालीन सचिव कामिल खां के खिलाफ लूट आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

बीपी कालोनी निवासी गगन लाल पुत्र हरनारायन की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा है कि विकास भवन के निकट डीसीडीएफ की दुकान में उनका क्वालिटी बार संचालित था। यह दुकान करीब 60 वर्ष से उनके परिवार के पास थी  जिसका 2820 रुपये प्रति वर्ष की दर से किराया सहकारी संघ में जमा किया जाता था। जिला सहकारी संघ में 31 सितंबर 2013 तक का किराया भी जमा कर दिया था। वर्ष 2013 में प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम तब मंत्री थे। 13 फरवरी 2013 को उनके साथ सेवानिवृत्त सीओ (तब सिविल लाइंस थाना प्रभारी थे) आले हसन खां, जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन चेयरमैन मास्टर जाफर और संघ के सचिव कामिल खां दुकान पर आए। उनके साथ सिविल लाइंस थाने की फोर्स भी थी। उन्होंने आते ही दुकान का सामान फेंकना शुरू कर दिया। पूछने पर कहने लगे कि यह दुकान आजम की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा के नाम आवंटित होनी है। इसे खाली कर दो। इसके बाद आरोपितों ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए दुकान जबरन खाली करा ली।

गगन लाल का आरोप है कि आजम के साथ आए लोगों ने बार का सामान सड़क पर फेंक दिया। इससे उनका करीब दो लाख रुपये का नुकसान हो गया। दुकान के गल्ले में रखे 16,500 रुपये भी लूट ले गए। बाद में पता चला कि जिला सहकारी संघ ने उन्हें बेदखल कर दुकान तजीन फात्मा के नाम आवंटित कर दी है। उन्होंने इसकी शिकायत की तो उनके खिलाफ धोखाधड़ी का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया गया। इस मुकदमे में उन्हें जमानत करानी पड़ी।

सिविल लाइंस कोतवाल राधेश्याम ने बताया कि इस मामले में जबरन दुकान में घुसकर नुकसान करने और लूटपाट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच उप निरीक्षक कोमल तोमर को सौंपी गई है। 

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