kingfisherनई दिल्ली, 18 अप्रैल। शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ सोमवार को पीएमएलए कोर्ट ने गैर-जमानत वारंट जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माल्या के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में अर्जी दी थी इसके बाद गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर मनी लांड्रिंग रोधक कानून से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के जज पी आर भावके ने माल्या के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट जारी किया।

ईडी द्वारा जारी तीन समन पर वह जांच में सहयोग के लिए वह मुंबई में ईडी के जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं हुए हैं। माल्या ने जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए मई तक का समय मांगा है। इस अदालत ने इसके अलावा किंगफिशर एयरलाइंस की ओर से ईडी के दावों चुनौती देने के लिए अलग से जारी अर्जी भी खारिज कर दी।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को विशेष अदालत के समक्ष कहा कि शराब व्यवसायी विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिये आईडीबीआई से लिये गये 950 करोड़ रुपये के कर्ज में से 430 करोड़ रुपये विदेश में संपत्ति खरीदने में लगाए। ईडी की गैर-जमानती वारंट के अनुरोध वाली याचिका पर अदालत ने अपना फैसला 18 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया था। माल्या फिलहाल ब्रिटेन में हैं और उन पर आईडीबीआई के 950 करोड़ रुपये के कर्ज के एक हिस्से का इस्तेमाल दूसरे कार्यों में करने का आरोप है। कारोबारी ने यह कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस के लिये लिया था।

ईडी ने दावा किया है कि आईडीबीआई से प्राप्त 900 करोड़ रपये के रिण में से 430 करोड़ रपये को गैरकानूनी तरीके से ‘निकालकर’ उससे विदेश में संपत्तियां खरीदी गईं। किंगफिशर ने ईडी के दावे को असत्य बताया है। माल्या ने 9 अप्रैल को ईडी के आखिरी समन के जवाब में माल्या ने जांच अधिकारी (आईओ) को सूचित किया था कि बैंकों के ऋण के निपटान का मामला उच्चतम न्यायालय में होने की वजह से वह व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हो सकते हैं।

ईडी ने माल्या को अप्रैल के पहले सप्ताह में नया समन जारी करते हुए उन्हें 9 अप्रैल को पेश होने को कहा था। इससे पहले माल्या ने 18 मार्च और दो अप्रैल की पिछली तारीखों पर उपस्थित होने में आधिकारिक कारणों से असमर्थता जताई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील ने स्पेशल पीएमएलए कोर्ट में कहा कि किंगफिशर के अधिकारी ईडी की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

एजेंसी 
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