कोलंबो। 23 अप्रैल को ईस्टर पर हुए आतंकी हमले से दहले श्रीलंका पर खतरा अभी टला नहीं हैं। आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए देशभर में चल रहे अभियान के बीच खुफिया एजेंसी ने देश के शीर्ष नेतृत्व को एक साथ यात्रा नहीं करने की चेतावनी दी है जिनमें राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे शामिल हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे भी उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें सचेत रहने की सलाह दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राजनीतिक नेताओं को सार्वजिनक कार्यक्रमों विशेषकर गिरजाघरों, मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थानों पर होने वाले आयोजनों में शामिल होने से बचने के लिए कहा गया है। उन्हें सलाह दी गई है कि किसी भी उस स्थान पर जाने के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग करें जहां उनकी उपस्थिति अपरिहार्य है। 

बम धमाकों का असर मजदूर दिवस (1 मई) पर भी नजर आया। राजनीतिक दलों, श्रमिक संगठनों और व्यापार संघों ने सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर रैलियों का आयोजन नहीं किया। शिक्षा मंत्री और सत्तारूढ़ यूएनपी के महासचिव अकिला विराज करियावासम ने कहा कि हमने रैली नहीं करने का निर्णय लिया। इसके बजाय हम व्यापार संघ के सदस्यों से भवनों के भीतर मिलेंगे।

गौरतलब है कि ईस्टर पर श्रीलंका के तीन गिरजाघरों व तीन पांच सितारा होटलों समेत कई स्थानों पर हुए धमाकों में आधिकारिक तौर पर 253 लोगों की मौत हुई थी जबकि 500 अन्य घायल हुए थे।

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