अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए गए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र को राम जन्मभूमि परिसर के अधिग्रहण के दस्तावेज सौंप दिए गए हैं। राम जन्मभूमि विवादित परिसर के रिसीवर रहे मंडलायुक्त ने अधिग्रहण के दस्तावेज सोमवार को ट्रस्ट के सुपुर्द कर दिए। इसके साथ ही विवादित भूमि के साथ ही अधिगृहीत परिसर की 67 एकड़ भूमि पर भी ट्रस्ट का मालिकाना हक हो गया है।
श्रीराम जन्मभूमि क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी इस बात की पुष्ट् की कि ट्रस्ट को अधिगृहीत परिसर के कागजात मिल गए हैं, जो कि सरकार के आदेश पर मंडलायुक्त ने ट्रस्ट को सौंपे हैं। र
चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में फिलहाल कोई भी कार्यक्रम नहीं होगा। हालात सामान्य होने पर ही लोग अयोध्या आएंगे क्योंकि कोई भी आयोजन देश की सुरक्षा से ज्यादा जरूरी नहीं है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद पर शनिवार, 9 नवंबर 2019 को अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया था। शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए थे। अदालत ने कहा था कि 2.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी। साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन दी जाएगी। शीर्ष अदालत ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह देने की अनुमति को स्वीकार कर लिया गया।