लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण को छुपाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। कहा, “ऐसे लोग आइसोलेट न किए गए तो कोरोना कैरियर साबित होंगे।” उन्होंने साफ शब्दो में कहा कि ऐसे लोगों को आश्रय देने वालों और उनकी तलाशी न लेने वाले थानेदारों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने गुरुवार को लोकभवन में हुई टीम-11 की बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पुलिस तथा स्वास्थ्य और स्वच्छताकर्मियों पर हमला करने वाले किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे। उपद्रवियों से ही नुकसान की वसूली हो और न हर्जाना नहीं चुकाने पर उनकी संपत्ति जब्त की जाए। स्वास्थ्यकर्मियों की टीम के साथ पुलिस भी जरूर भेजी जाए।
अपनी कोर टीम के साथ बैठक में उन्होंने बुधवार को मुरादाबाद में स्वास्थ्यकर्मयों और पुलिस की टीम पर हमला करने वालों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के साथ अन्य गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने का निर्देश दिया। अपर मुख्य सचिव सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री ने मुरादाबाद में बुधवार को बवाल करने वाले किसी भी उपद्रवी के खिलाफ जरा भी रहम न दिखाने का निर्देश दिया है। बैठक में सीएम ने कहा कि उपद्रवी तत्वों के तोड़-फोड़ करने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनसे वसूली की जाए। ऐसा न करने पर उनकी संपत्ति जब्त की जाए। इनके खिलाफ एनएसए के साथ अन्य गंभीर धाराएं भी लगाकर सख्त एक्शन लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के निर्देश पर 20 अप्रैल से कुछ गतिविधियों की अनुमति दी जा रही है। इन कार्यों के दौरान जरूरी सावधानी बरतें। हर यूनिट में मानकों का पालन हो। थर्मल स्कैनर और सेनेटाइजर की व्यवस्था हो। केंद्र के नियमों का ठीक से अध्ययन कर अनुमन्य गतिविधियों पर स्पष्ट शासनादेश जारी किया जाए। इसमें सभी सावधानियों का साफ तौर पर उल्लेख हो।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं सक्षम स्तर से अनुमति के बाद ही शुरू होंगी। सभी अस्पतालों में एन-95 मास्क, पीपीई सहित संक्रमण से सुरक्षा के उपकरण उपलब्ध रहें। इनके बिना इमरजेंसी सेवाएं शुरू न की जाएं। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि संसाधन और प्रशिक्षण के बाद ही सेवाएं शुरू हों। टेलीमेडिसिन के जरिए भी डॉक्टरी सलाह उपलब्ध करवाई जाए।
नोडल अधिकारी फोन जरूर उठाएंः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों के लिए बनाए गए नोडल अधिकारियों के फोन न उठाने की शिकायतों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने मुख्य सचिव से इसकी नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारी फोन जरूर उठाएं और हर शिकायत का समुचित समाधान करवाएं। अन्य कॉल सेंटर पर भी आने वाली शिकायतों के समाधान में तत्परता बरती जाए।