न्यूयॉर्क। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन की वजह से मॉनसून के स्वरूप में बदलाव प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के उदय और पतन का कारण हो सकता है। अध्ययन में उत्तर भारत के 5,700 वर्ष के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया।
अमेरिका स्थित रोचेस्टर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरआईटी) के निशांत मलिक ने अपने विश्लेषण में उत्तर भारत में प्राचीन काल में जलवायु के स्वरूप का अध्ययन करने के लिए एक नई गणितीय पद्धति का उपयोग किया।
“चाओस: एन इंटरडिसीप्लिनरी जर्नल ऑफ नॉनलिनियर साइंस” में प्रकाशित अनुसंधान रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में गुफाओं में जमा खनिज निक्षेप में विशेष रासायनिक अवस्थाओं की मौजूदगी का पता लगाकर वैज्ञानिक क्षेत्र में पिछले 5,700 साल तक की मॉनसून की बारिश का रिकॉर्ड बना सके
हालांकि मलिक ने कहा कि जलवायु को समझने के लिए विशिष्ट रूप से इस्तेमाल गणितीय पद्धतियों के साथ प्राचीन जलवायु का अध्ययन करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि सिंधु घाटी सभ्यता का पतन क्यों हुआ, इस बारे में अब तक अनेक मान्यताएं हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि अब तक किसी गणितीय प्रणाली से यह काम नहीं किया गया।
Bareillylive: मर्सी फॉर ऑल सोसाइटी संस्था के द्वारा ग्राम आसपुर खूबचंद, रिठौरा रोड, बरेली में…
Bareillylive : कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में रससिद्ध शायर पंडित देवी प्रसाद गौड़…
Bareillylive : भगवान श्री चित्रगुप्त जी की भव्य शोभायात्रा कल पूरे आन बान और शान…
Bareillylive : श्रीराम मूर्ति स्मारक कालेज आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में रंगारंग कार्यक्रम के साथ…
Bareillylive : जनहित एवं स्वास्थ्य सुधार के उद्देश्य से श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा…
Bareillylive : अखिल ब्रह्मांड के न्यायाधिपति भगवान श्री चित्रगुप्त जी की विशाल व भव्य शोभायात्रा…