ओहियो (अमेरिका)। (Study on COVID-19) कोरोना वायरस इंसान की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याओं की बड़ी वजह बनता जा रहा है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि रोगियों में व्यग्रता (Anxiety) या मन का उदास होना इस बात का संकेत हो सकता है कि कोरोना वायरस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) पर भी असर डाल रहा है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसिनाटी कॉलेज ऑफ मेडिसिन की अगुआई में किए गए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के अनुसार, “मानसिक लक्षणों व्यग्रता और मन की उदासी का सांस की समस्या, खांसी व बुखार जैसे कोरोना के लक्षणों के बजाय सूंघने और स्वाद की क्षमता खोने से ज्यादा गहरा संबंध पाया गया है।”
यह अध्ययन लैरिंगोस्कोपी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इसमें कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित 114 रोगियों पर किए गए परीक्षण के आधार पर निष्कर्ष निकाले गए हैं।
इस अध्ययन से जुड़े एसोसिएट प्रोफेसर अहमद सेदाघाट ने कहा, “अगर पहले कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज मुझसे पूछता कि उसका मन उदास या व्यग्र क्यों है तो मैं यही कहता कि संक्रमण गंभीर होने के कारण ऐसा हो सकता है। हमारे अध्ययन के नतीजों से पता चलता है कि ये मानसिक लक्षण सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर कोरोना के हमले को दर्शा सकते हैं।”
उन्होंने बताया कि शोधकर्ताओं का यह लंबे समय से मानना है कि ओल्फैक्टरी सिस्टम (घ्राण तंत्र) के जरिये कोरोना वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम में प्रवेश कर सकता है। पूर्व के अध्ययन में कोरोना वायरस संक्रमण पीड़ितों में ब्लड क्लाटिंग (रक्त का थक्का) के साथ ही हार्ट अटैक और हृदय संबंधी दूसरी कई समस्याओं का खतरा पाया जा चुका है।