इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के ज्यादातर प्रावधान खत्म होने, अनुच्छेद 35 के खात्मे और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के भारतीय संसद में पास होने का पाकिस्तान में भारी असर पड़ा है। वाइस ऑफ कराची संगठन द्वारा स्वायत्त ग्रेटर कराची की मांग उठाये जाने के बाद राजधानी इस्लामाबाद में अलग-अलग हिस्सों में भारत का समर्थन करने वाले कई बैनर दिखाई दिए।
पाकिस्तान की संसद नेशनल असेंबली और प्रधानमंत्री इमरान खान के निवास से कुछ सौ मीटर की दूरी पर लगाए गए इन पोस्टरों में शिवसेना नेता संजय राउत का वह बयान लिखा था जिसमें कहा गया था, “आज जम्मू-कश्मीर लिया है, कल बलूचिस्तान, पीओके लेंगे। मुझे विश्वास है कि देश के प्रधानमंत्री अखंड हिन्दुस्तान का सपना पूरा करेंगे।” “अखंड भारत” या अविभाजित भारत साथ ही इन पर लिखा गया था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत का हिस्सा हैं। गौरतलब है कि अखंड भारत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व हिंदू-राष्ट्रवादी संगठनों के मुख्य लक्ष्यों में से एक रहा है। साथ ही यह भाजपा का भी उद्देश्य रहा है। इस बैनर में शिवसेना सांसद संजय राउत की टिप्पणी भी लिखी गई है।
ऐसे ही कई बैनर/पोस्टर इस्लामाबाद में नेशनल प्रेस क्लब के सामने एक व्यस्त सड़क पर बिजली के खंभे पर लगाए गए थे। कहा जा रहा है कि इन्हें रातों-रात लगा दिया गया था। सुबह होने पर सबसे पहले अपने काम पर जा रहे स्थानीय लोगों ने इन्हें देखा था।
साजिद महमूद नाम के एक व्यवसायी ने सबसे पहले इन बैनर को देखा। उन्होंने इसका एक वीडियो बनाकर ट्वीटर और फेसबुक पर पोस्ट कर दिया। देखते ही देखते दो मिनट का यह वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद पाकिस्तान की कानून-प्रवर्तन एजेंसियों ने तुरंत इन बैनर/पोस्टरों को हटाने का आदेश दिया। इस्लामाबाद के पुलिस अधीक्षक अमीर खान ने मीडिया को बताया कि राजधानी क्षेत्र की पुलिस ने बैनर हटा दिए हैं और जांच शुरू कर दी है कि ऐसा किसने किया था। इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त के प्रवक्ता ने कहा कि दोषियों की पहचान होने पर मीडिया को जानकारी दी जाएगी।
इन बैनरों के बारे में खबर फैलने के साथ ही इस्लामाबाद के निवासियों में गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने सवाल किया कि इस्लामाबाद में कोई किस तरह ऐसी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह हमारी कानून व्यवस्था की विफलता है कि इस्लामाबाद में इस तरह के बैनर लगाए गए और हम उन्हें रोक नहीं पाए। इस्लामाबाद जिला मजिस्ट्रेट ने इस पर ध्यान देते हुआ महानगर निगम को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा कि बैनरों को हटाने में उन्हें पांच घंटे क्यों लगे। पत्रकार जब इन बैनरों की तस्वीर लेने के लिए पहुंचे तो उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया। पुलिस ने कुछ लोगों को ऐसे कुछ पकड़ा जिन्होंने इसकी वीडियो या तस्वीर क्लिक की थी और उनके फोन से ये सब डिलीट करवा दिया। फिलहाल बैनर हटा दिए गए हैं और पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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