नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रोहित वेमुला और पायल तडवी की माताओं की ओर से दायर संयुक्‍त जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) को नोटिस जारी किया। इस नोटिस में उच्च शिक्षण संस्थानों (Higher learning institutions) और विश्वविद्यालयों (Universities) में जाति संबंधी भेदभाव को रोकने के लिए केंद्र और यूजीसी से कदम उठाने को कहा गया है।

गौरतलब है कि रोहित वेमुला और पायल तडवी की आत्‍महत्‍या का कारण कॉलेज में  जातिगत भेदभाव बताते हुए उनकी माताओं ने सुप्रीम कोर्ट में संयुक्‍त तौर पर याचिका दाखिल की थी। उन्होंने याचिका में गुहार लगाई कि शैक्षणिक संस्थानों में जातिगत भेदभाव खत्म करने के सशक्त उपाय किया जाएं तथा विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों में सभी विद्यार्थियों-शिक्षकों को समान अवसर के लिए विशेष सेल बनाया जाए।

रोहित वेमुला का मामला

हैदराबाद विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग के पीएचडी स्कॉलर रोहित वेमुला 17 जनवरी 2016 को फांसी लगाकर आत्‍महत्‍या कर ली थी। वेमुला को दुर्व्यवहार के कारण बाद विशवविद्यालय से निलंबित किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद उसने खुदकुशी कर ली थी।

पायल तडवी का मामला

महाराष्‍ट्र के नायर अस्पताल के टॉपिकल नेशनल मेडिकल कॉलेज में गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स के द्वितीय वर्ष में पढ़ने वाली डॉक्टर पायल तडवी ने आत्‍महत्‍या कर ली थी। वह अपने वरिष्ठ डॉक्टरों की प्रताड़ना से तंग थी। ये डॉक्टर जातिगत टिप्पणी कर अक्सर उसको परेशान करते थे।

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