नई दिल्ली। देश में आर्थिक सुस्ती और मंदी की आहट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने शुक्रवार को एक ओर जहां देशवासियों को आश्वस्त करने का प्रयास किया, वहीं राहत देने के लिए कई अहम घोषणाएं भी कीं। वित्त मंत्री ने बताया कि शेयर बाजार में कैपिटल गेन्स पर सरचार्ज नहीं होगा और एफपीआई को भी सरचार्ज से छुटकारा मिलेगा। दशहरा से आईटी स्क्रूटनी फेसलेस होगी। इसके अलावा स्टार्टअप से एंजेल टैक्स हटाने का फैसला किया गया है।
सीतारमण ने बताया कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कराधान के उपाय किए गए हैं। सरकार बैंकों के लिए 70 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं। आने वाले दिनों में कुछ अहम फैसलों के बारे में ऐलान किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2019 में ग्लोबल ग्रोथ 3.2 प्रतिशत से नीचे रह सकती है। हालांकि अब भी हमारी विकास दर अमेरिका और चीन से अच्छी है। अमेरिका और चीन में मंदी का असर है जिसका प्रभाव भारत पर भी पड़ रहा है। हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और कारोबार करना आसान हुआ है। हम लगातार व्यापार को आसान कर रहे हैं। सभी मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि चीन और अमेरिका जैसे देशों में ट्रेड वॉर से भी विकास दर प्रभावित हुई है।
दरअसल, बजट में दौलतमंद आयकरदाताओं पर सरचार्ज में बढ़ोतरी का असर बाजार पर बना हुआ है क्योंकि इसके बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली का लगातार दबाव बना रहा है। सरकार ने इस दिशा में राहत प्रदान करने के संकेत दिए हैं।
वित्त मंत्री की कही खास बातेंः
-हाउसिंग
फाइनेंस बैंक को 20 हजार करोड़
रुपये और दिए गए हैं।
-एमएसएमई का सारा जीएसटी रिफंड 60 दिन में वापस करना होगा।
-एमएसएमई की रिटर्न की अवधि 30 दिन की गई है।
-एमएसएमई की नई और एक ही परिभाषा होगी।
-बैंक ऑटो और होम लोन सस्ता करने पर राजी हैं।
-लोन मंजूरी की ऑनलाइन ट्रेकिंग की जा सकेगी।
-एनबीएफसी आधार से केवाईसी कर सकेंगे।
-नए सिस्टम से कर्ज मिलने में आसानी होगी।
-सरकार की तरफ से भुगतान में देरी नहीं होगी।
-जीएसटी रिटर्न और रिफंड आसान किया जाएगा।
-घरेलू निवेशकों पर भी सरचार्ज नहीं।
-पीएसयू बैंकों को 70 हजार करोड़ की धनराशि तुरंत दी जाएगी।
-हाउसिंग, इन्फ्रा के लिए
क्रेडिट संस्था।
ऑटो सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान
-वर्ष 2020 तक बीएस4 गाड़ियां चलती रहेंगी।
-स्क्रेपेज को लेकर जल्द कैबिनेट को मिलेगी मंजूरी।
-सरकारी विभाग नई गाड़ियां खरीद सकेंगे।