नई दिल्ली। काम धार्मिक सभा में शामिल होना पर भारत सरकार से लिया पर्यटक वीजा। जी हां, तब्लीगी जमात में शामिल होने वाले दूसरे देशों के लोग इसी झूठ की बुनियाद पर हिंदुस्तान आते हैं। निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल होने आए कई विदेशियों के कोरोना वायरस संक्रमित पाए जाने के बाद प्रारंभिक जांच में यह गोरखधंधा सामने आया है।
दरअसल, भारत सरकार द्वारा तब्लीगी जमात के नाम पर किसी विदेशी को वीजा जारी ही नहीं किया जाता है। ऐसे में तब्लीगी जमात में शामिल लोग भारत आने के दौरान वीजा में इससे संबंधित जानकारियों को छुपाते हैं। वीजा में ज्यादातर मामलों में यह बताया जाता है कि वे भारत घूमने जा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि निजामुद्दीन से लेकर पूरे देश मे तब्लीगी जमात के लोग मौजूद हैं जिनमें इंडोनेशिया, मलेशिया, चीन आदि के नागरिक भी शामिल हैं।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तब्लीगी जमात से जुड़े इंडोनेशिया के करीब 800 लोगों को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक वीजा नियमों के उल्लंघन के कारण उनको ब्लैकलिस्ट किया जाएगा। इसके साथ ही अन्य करीब 250 विदेशियों को ब्लैकलिस्ट करने के साथ ही उनका वीजा भी रद्द होगा। ये सभी निजामुद्दीन मरकज में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत करने गए थे। इनमें से कई कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार थे और उन्होंने में दूसरों की जिंदगी को भी खतरे में डाल दिया।
बताया जा रहा है कि इसी साल फरवरी में मलेशिया में हुई तब्लीगी जमात से पूरे मलेशिया में कोरोना वायरस संक्रमण फैला। भारत में मौजूद कई लोगो मलेशिया की इसी तब्लीगी जमात में शामिल होकर यहां आये हैं। ऐसे में देश में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है।
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में कुछ दिनों पहले पाबंदियों के बावजूद एक बड़ा धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था। इस कार्यक्रम में करीब 1400 लोग शामिल थे। सोमवार रात को इनमें से 34 लोगों की तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इनमें से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। इस घटना के बाद अब तक 300 लोगों को यहां से निकाल कर अलग-अलग जगहों पर रखा गया है
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस्लामिक संगठन तबलीगी जमात पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इस पर लॉकडाउन के दौरान कार्यक्रम कर बड़ी संख्या में लोगों को जमा करने का आरोप है। या कार्यक्रम सुन्नी इस्लाम से संबंधित संस्था तब्लीगी जमात का था जो सालभर चलता।
अब विश्व स्वास्थ्य संगठन, दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच कर रहे हैं।