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आतंकी फंडिंगः पाकिस्‍तान को मिली अपनी करतूत की सजा, एफएटीएफ ने ग्रे लिस्‍ट में रखा बरकरार

नई दिल्ली। दुनिया में आतंकवादियों के सबसे महफूज पनाहगार बन चुके पाकिस्तान को अपनी इस करतूत की सजा एक बार फिर भुगतनी पड़ी। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने उसे ग्रे लिस्ट में बरकरार रखा है। हालत यह थी कि उसे तुर्की के अलावा किसी भी देश का समर्थन नहीं मिला। यहां तक कि उसके सदाबहार दोस्त चीन ने भी इस बार उसका साथ छोड़ दिया है।

 पेरिस में एफएटीएफ के पूर्ण सत्र की बैठक में पाकिस्तान मुख्य एजेंडे में रहा और उसे लेकर यह बड़ा फैसला सुनाया गया। इस पूरे सत्र में एफएटीएफ ने पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट में बरकरार रखा है। इस दौरान आतंकी फंडिंग को लेकर पाकिस्तान को एफएटीएफ की निगरानी सूची में बनाए रखने को कहा गया।

गौरतलब है कि आतंकी फंडिंग समेत काले धन का प्रवाह रोकने के लिए पूरे विश्व में एक समान नियम कानून बनाने के लिए बनाई गई संस्था एफएटीएफ की पिछले रविवार से पेरिस में बैठक चल रही है और इसका फैसला शुक्रवार को सामने आया है।

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को सिर्फ चार महीने की मोहलत दी है। लेकिन, इसके साथ ही कहा है कि अगर पाकिस्तान ने जून 2020 तक आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए बताए गए कदम नहीं उठाए तो उसे ब्लैकलिस्ट यानि प्रतिबंधित सूची में डाला जा सकता है। फिलहाल पाकिस्तान, एफएटीएफ की निगरानी सूची में शामिल है और एफएटीएफ ने 2018 में ही पाकिस्तान को 27 कार्यों की एक सूची सौंपी थी।

सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट पर बने रहने की संभावना है। ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग वॉच डॉग द्वारा दी गई 27 सूत्रीय कार्य योजना को पूरी तरह से लागू करने के लिए पाकिस्तान को अक्टूबर तक का समय देने पर सहमति हो गई है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि इस फैसले की घोषणा शुक्रवार को एफएटीएफ की बैठक के अंत में की जा सकती है, जो वर्तमान में फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रही है।

एफएटीएफ की बैठक में हिस्सा ले रहे कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को तुर्की के अलावा अन्य किसी भी देश से साफ तौर पर समर्थन नहीं मिला। मोटे तौर पर सदस्य देशों में यह आम राय थी कि आतंकवादी गतिविधियों तक फंड प्रवाह रोकने का खतरा पाकिस्तान में पूरी तरह से बना हुआ है। पाकिस्तान सरकार के समक्ष जो 27 काम टास्क फोर्स की तरफ से दिए गए थे उसमें से आधे पर भी ठीक तरह से काम नहीं हुआ है। ऐसे में उसे कहा गया है कि वह जून, 2020 तक बाकी सभी काम पूरा करे। अगर तय समय सीमा में ऐसा नहीं होता है तो एफएटीएफ उचित कार्रवाई करेगा।

gajendra tripathi

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