नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की प्रचंड जीत से उत्साहित गठबंधन के घटक दल शिवसेना ने हिंदुत्व और राम मंदिर के मुद्दे को हवा देना शुरू कर दिया है। 30 मई को होने वाले नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शिवसेना अध्य़क्ष उद्धव ठाकरे अपने सभी नवनिर्वाचित सांसदों समेत शामिल होंगे। ठाकरे अपने नवनिर्वाचित सांसदों के साथ अयोध्या में रामलाल के दर्शन के लिए भी जाएंगे।
शिवसेना के मुखपत्र सामना ने अपने संपादकीय में राम मंदिर को लेकर भरोसा जताया है। सामना ने लिखा है, “2019 के लोकसभा चुनाव का नतीजा रामराज और राम मंदिर के समर्थन में दिया गया जनादेश है। श्रीराम का काम होगा ही, ऐसा वचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी दिया है। देश में रामराज निर्माण हो इसीलिए करोड़ों लोगों ने मोदी को खुलकर वोट दिया है और मंदिर निर्माण की याद दिलाई है।”
सामना ने मोदी सरकार को राम मंदिर की याद दिलाते हुए कहा कि चुनाव से पहले मोदी जी ने स्पष्ट किया था कि अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जाएगी लेकिन ऐसा कानून और सुप्रीम कोर्ट की सहमति से होगा। हम उनकी भूमिका से सहमत हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट को जनभावना या जनादेश को मानना चाहिए।
संपादकीय में कहा गया है, “राम मंदिर का निर्माण हो इसके लिए सैकड़ों कारसेवकों ने अपना बलिदान दिया है। उनकी शहादत और खून को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। अखंड हिंदुस्तान का सपना साकार होगा और दुनियाभर में श्रीराम के देश की जय-जयकार होगी।”