नई दिल्ली। शोधकर्ताओं ने एक ऐसे बिना बैटरी से चलने वाले फोन का आविष्कार किया है, जो बैटरी की बजाय यह फोन या तो आसपास के रेडियो सिगनल से ऊर्जा ग्रहण करता है या उपलब्ध प्रकाश से ऊर्जा ग्रहण करता है। इन शोधकर्ताओं में एक भारतीय मूल का शोधार्थी भी शामिल है। शोधकर्ताओं ने एक डेमोंस्ट्रेशन वीडियो जारी किया है जिसमें इस बिना बैटरी वाले फोन से कॉलिंग करते हुए देखा जा सकता है।
शोध दल ने इस बिना बैटरी के फोन से स्काईप कॉल करने में भी सफलता हासिल की है। प्रोसीडिंग ऑफ द एसोसिएशन ऑफ कंप्यूटिंग मशीनरी ऑन इंटरेक्टिव, मोबाइल, वेयरेबल और यूबिक्विटस टेक्नॉलजीज जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि इस फोन के वाणिज्यिक प्रोटोटाइप ने बेस स्टेसन से आवास को प्राप्त करने तथा उससे कम्यूनिकेट करने में सफलता प्राप्त की है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के एसोशिएट प्रोफेसर और शोध के सहलेखक श्याम गोलाकोटा ने कहा, “हमने पहला ऐसा सेलफोन बनाया है जो जीरो ऊर्जा में काम करता है। इस तरह का फोन काम करे इसके लिए आपको पर्यावरण से ही ऊर्जा हासिल करनी होती है।हमने मौलिक रूप से पूर्नविचार करना होगा कि इन डिवाइसों को किस प्रकार से डिजायन किया जाए”
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह फोन बातचीत के दौरान या स्पीकर से आवाज निकलने के होने वाली सूक्ष्म थरथराहट से भी ऊर्जा ग्रहण करता है।
एक शोधकर्ता ने बताया है कि भविष्य में सभी सेल टावर्स या वाईफाई राउटर्स में इस तरह की बेस स्टेशन तकनीक दी जा सकती है। अगर सभी घरों में वाईफाई राउटर है तो यूजर्स बिना बैटरी वाले सेलफोन का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि इसकी कवरेज पूरे घर में होगी।