गुवाहाटी। असम के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) की अंतिम सूची प्रकाशित होने के साथ ही यह भी तय हो गया है कि इसे लेकर विवादों के गुबार जल्द शांत नहीं होने वाले। भारतीय सेना से जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) के पद से सेवानिवृत्त होने वाले मोहम  सनाउल्लाह का नाम इस सूची में शामिल न होने की वजह से इस तरह के कयासों को और हवा मिली है। दरअसल, यदि सनाउल्लाह वास्तव में भारतीय नागरिक नहीं हैं तो उनका भारतीय सेना में कई दशक तक नौकरी करते रहना है देश की खुफिया एजेंसियों की बहुत बड़ी चूक है और यदि सनाउल्लाह ने अपनी भारतीय नागरिकता साबित कर दी तो एनसीआर की प्रक्रिया पर सवाल उठने ही हैं।

अवकाशप्राप्त जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) मोहम्मद सनाउल्लाह को विदेशी न्यायाधिकरण ने इसी साल विदेशी घोषित किया था। एक बार फिर उनका नाम एनआरसी सूची से बाहर है। उनके तीन बच्चों (दो बेटियां और एक बेटे) का नाम सूची में शामिल नहीं है लेकिन उनकी पत्नी को भारतीय नागरिक माना गया है।

मोहम्मद सनाउल्लाह ने कारगिल युद्ध में हिस्सा लिया था और उन्हें राष्ट्रपति पदक मिल चुका है। उन्हें कामरूप की विदेशी न्यायाधिकरण विदेशी घोषित कर चुकी है। उनके खिलाफ 2008 में मामला दर्ज किया था और उनके नाम को डी श्रेणी यानी “संदिग्ध मतदाता” के रूप में सूचीबद्ध किया गया था। मई में उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजा गया था। गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बाद में उन्हें जमानत दे दी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को असम के लिए एनआरसी की अंतिम सूची जारी की है। इस सूची में तीन करोड़ 11 लाख 21 हजार चार लोगों के नाम शामिल हैं जबकि 19 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं हैं।   

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