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राहुल गांधी के “सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि चौकीदार चोर है” बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

नई दिल्‍ली। “सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि चौकीदार चोर है” को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा दाखिल हलफनामा स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट के हवाले से “चौकीदार चोर है” बयान देने पर पहले खेद जता चुके राहुल गांधी ने बीते बुधवार को हलफनामा दाखिल कर माफी मांगते हुए कहा था कि उन्होंने यह बात भूलवश कह दी, इसके पीछे उनकी कोई और मंशा नहीं थी। । 

इस मामले में हुई बहस में मीनाक्षी लेखी की ओर से राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई, वहीं राहुल गांधी की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी पहले ही इस केस में माफी मांग चुके हैं। ऐसे में अदालत से यह गुजारिश है कि इस मामले को बंद कर दिया जाए। 

आपको याद होगा कि राहुल गांधी ने बीते 10 अप्रैल को राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपने बयान में कहा था, “सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि चौकीदार चोर है”। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर दिए गए राहुल गांधी के इस बयान को आधार बनाते हुए अवमानना याचिका दायर की है। शीर्ष अदालत ने इस याचिका पर राहुल गांधी से जवाब मांगा था।

30 अप्रैल को पिछली सुनवाई पर जब कोर्ट ने स्पष्ट रूप से माफी नहीं मांगे जाने पर नाराजगी जताई तो राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एक और हलफनामा दाखिल करने की इजाजत मांगी थी। कोर्ट ने सिंघवी का अनुरोध स्वीकार करते हुए हलफनामा दाखिल करने की इजाजत दे दी थी लेकिन साफ किया था कि हलफनामा स्वीकार किए जाने पर कोर्ट अगली सुनवाई पर विचार करेगा। आदेश के अनुपालन में राहुल गांधी की ओर से बुधवार को नया हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी गई। इसमें राहुल ने कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट का बहुत सम्मान करते हैं। राहुल ने अपने हलफनामे में कहा था कि कोर्ट के नाम पर गलत बयानी करने के लिए वह बिना शर्त माफी मांगते हैं। उनसे ऐसा अनजाने में हो गया है, उन्होंने जानबूझकर नहीं किया है। राहुल ने कोर्ट से आग्रह किया है कि वह उनका हलफनामा स्वीकार कर ले और उनके खिलाफ अवमानना का मामला बंद कर दे। उन्होंने कहा है कि इस हलफनामे में उन्होंने कोई भी बात नहीं छिपाई है। पिछले दो हलफनामों में भी राहुल गांधी ने गलती मानी थी और कोर्ट के नाम पर गलत बयानी के लिए खेद जताते हुए लंबा-चौड़ा स्पष्टीकरण दिया था लेकिन स्पष्ट तौर पर माफी नहीं मांगी थी।

इतना ही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष ने “चौकीदार चोर है” को राजनीतिक नारा बताया था और भाजपा पर राफेल मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि राजनीतिक नारे से कोर्ट को कोई लेना-देना नहीं है, वह उसे अपने पास रखें। कोर्ट का कहना था कि उसे नहीं समझ आ रहा कि राहुल गांधी इस हलफनामे में क्या कहना चाहते हैं। मीनाक्षी लेखी की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में दिए फैसले में कभी नहीं कहा कि “चौकीदार चोर है”।

gajendra tripathi

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