नई दिल्ली। राजनीतिक दल जिस परिवर्तन को लेकर अब तक हवा-हवाई वादे करते और आश्वासन देते रहे, उस परिवर्तन के लिए दिल्ली के एक व्यक्ति ने पहल की है। दरअसल, शीर्ष अदालत में एक याचिका दाखिल कर यह मांग की गई है कि केंद्र सरकार को संविधान संशोधन लाकर देश का नाम India की जगह भारत या हिंदुस्तान करने का निर्देश दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर 2 जून 2020 को सुनवाई करेगा।  

याचिकाकर्ता का कहना है कि देश का नाम भारत या हिंदुस्तान होने से हममें अपनी राष्ट्रीयता पर गर्व का अनुभव बढ़ेगा। याचिका के जरिए केंद्र सरकार को संविधान के अनुच्छेद 1 को संशोधित करने का निर्देश दिए जाने की मांग की गई है। यह अनुच्छेद देश के नाम और इलाके को परिभाषित करता है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचिबद्ध किया गया था। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश बोबडे की गैर-मौजूदगी के कारण इसे सुनवाई की सूची से निकाल दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक अब इस याचिका को 2 जून को सीजीआई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

हमारी अपनी राष्ट्रीयता में गौरव का भाव आएगा

दिल्ली के एक व्यक्ति ने याचिका के जरिए दावा किया है कि संविधान संशोधन कर इंडिया शब्द को हटाने से देश के नागरिकों को औपनिवेशिक अतीत से छुटकारा मिलेगा। याचिका कहती है, “भले ही अंग्रेजी नाम प्रतीकात्मक है लेकिन इसे हटाने से हमारी अपनी राष्ट्रीयता में गौरव का भाव आएगा, खासकर आनेवाली पीढ़यों के मन में। दरअसल, इंडिया शब्द की जगह भारत करने से हमारे पूर्वजों के कठिन संघर्ष से प्राप्त आजादी के साथ न्याय होगा।”

देश को इसका मूल और वास्तविक नाम देने का वक्त आ गया है

याचिका में 1948 में तत्कालीन प्रस्तावित संविधान के आर्टिकल 1 पर हुई संविधान सभा की बहस का हवाला देते हुए कहा गया है कि देश का नाम भारत या हिंदुस्तान रखने के पक्ष में मजबूत धारणा थी। याचिका कहती है, “हालांकि, अब देश को इसका मूल और वास्तविक नाम भारत देने का वक्त आ गया है जो है, खासकर तब जब हमारे शहरों के नाम भारत की आत्मा से जोड़कर बदले जा रहे हैं।”

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