नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के गलवान में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सैनिकों को निहत्था भेजे जाने संबंधी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरोपों पर सरकार ने गुरुवार को चुप्पी तोड़ी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने राहुल गांधी के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सैनिक पोस्ट से हथियारों के साथ ही निकलते हैं। गलवान घाटी में भी एक भी भारतीय सैनिक निहत्था नहीं था। हर सैनिक के पास हथियार थे लेकिन समझौतों के अनुसार वहां हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाना था और नहीं किया गया।
राहुल गांधी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए विदेश मंत्री ने लिखा, “हमें तथ्यों को ठीक से समझ लेना चाहिए। बॉर्डर ड्यूटी पर लगे सभी सैनिक हमेशा हथियारों के साथ होते हैं, खासकर पोस्ट से निकलते समय। 15 जून को गलवान में ड्यूटी पर तैनात सैनिकों के पास भी हथियार थे।” जयशंकर ने चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प के वक्त हथियारों का उपयोग नहीं किए जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने आगे लिखा, “गतिरोध के वक्त एलएसी पर फेसऑफ के दौरान हथियारों का इस्तेमाल नहीं करने की लंबी परंपरा (वर्ष 1996 और 2005 में हुए समझौतों के तहत) रही है।
दरअसल, राहुल गांधी ने ट्वीट कर सवाल किया है कि चीन ने हमारे निहत्थे सैनिकों की हत्या की हिम्मत कैसे की? उन्होंने आगे लिखा, “हमारे सैनिकों को शहादत के लिए निहत्था क्यों भेजा गया?” इन दोनों सवालों में राहुल ने “निहत्थे” शब्द पर खास जोर दिया है। कांग्रेस नेता ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो मैसेज भी ट्वीट किया जिसमें वह यही सवाल पूछ रहे हैं। “कौन जिम्मेदार?” शीर्षक से पोस्ट किए गए इस वीडियो मैसेज में राहुल गांधी ने कहा है, भाइयों और बहनों, चीन ने हिंदुस्तान के शस्त्रहीन सैनिकों की हत्या करके एक बहुत बड़ा अपराध किया है। मैं पूछना चाहता हूं, इन वीरों को बिना हथियार घाटी की ओर किसने भेजा और क्यों भेजा? कौन जिम्मेदार है? धन्यवाद।”
राहुल गांधी के सैनिकों को लेकर पूछे गए सवाल का भाजपा ने भी करारा जवाब दिया था। पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “राहुल गांधी कांग्रेस सरकार के समझौते भूल गए। उन्हें भारत-चीन विवाद की समझ नहीं है। विपक्ष की राजनीति से देश में गुस्सा है। प्रधानमंत्री पर हमला, देश पर हमला है। सर्वदलीय बैठक से पहले प्रधानमंत्री पर सवाल क्यों?”
भारतीय सेना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि गलवान घाटी में अब एक भी सैनिक लापता नहीं है। सेना ने न्यूयॉर्क टाइम्स में 17 जून को प्रकाशित एक लेख में किए गए दावे को खारिज कर दिया है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में In China- India Clash, Two Nationalist Leaders with Little Room to Give लेख में गलवन घाटी में भारतीय सैनिकों के लापता होने का जिक्र था।
गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीन के कमांडिंग अफसर को भी ढेर कर दिया गया। समाचार एजेंसी एएनआई ने पहले मंगलवार और फिर बुधवार को बताया था कि इस घटना में 40 से ज्यादा चीनी सैनिक मारे गए हैं। एएनआई ने सू्त्रों के हवाले से बताया कि जो सैनिक टकराव का हिस्सा थे, उन्होंने चीन के हताहत हुए सैनिकों की संख्या के बारे में बताया है। हालांकि, सही संख्या कितनी है, यह तो सामने नहीं आया है लेकिन 40 से अधिक चीनी सैनिक झड़प में मारे गए हैं।
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