वॉशिंगटन। आतंकवादी गिरोहों को पालने-पोषने के चक्कर में आर्थिक रूप से तबाह होने के साथ ही पूरी दुनिया में अलग-थलग पढ़े चुके पाकिस्तान को कभी उसके आका रहे अमेरिका ने एक बार फिर कड़ी चेतावनी दी है। कहा, पाकिस्तान की धरती पर पलता आतंकवाद शांति की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।

पाकिस्तान भले ही भारत के साथ शांति वार्ता शुरू करने के प्रयास का नाटक कर रहे हो लेकिन उसके इस नाटक को अमेरिका अच्छी तरह समझ चुका है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा, “पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे। पाकिस्तान ने अब तक अपने घर में रह रहे आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पाकिस्तान जब तक इन आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता, भारत और पाकिस्तान के बीच शांति वार्ता नहीं हो सकती।”

गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताने के साथ ही कश्मीर समेत अहम मसलों पर बातचीत की पेशकश की है। इमरान खान ने कहा है कि दोनों देशों के बीच बातचीत ही एकमात्र उपाय है जिससे दोनों देशों के लोगों की गरीबी दूर हो सके। क्षेत्रीय विकास के लिए मिलकर काम करना काफी महत्वपूर्ण है।

आपको याद होगा कि भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत एकसाथ नहीं हो सकती है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने साफ कर दिया है कि बिश्केक में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इमरान खान के बीच कोई बातचीत नहीं होगी। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने भारतीय समकक्ष एस. जयशंकर को खत लिखकर सभी महत्वपूर्ण मसलों पर बातचीत की इच्छा और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के प्रयासों के लिए प्रतिबद्धता जताई थी।

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