जिनेवा/जोहानिसबर्ग। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने आगाह किया है कि अफ्रीका महाद्वीप कोरोना वायरस महामारी का अगला केंद्र बन सकता है क्योंकि पिछले हफ्ते मामलों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चेतावनी दी है कि तत्काल समुचित कदम नहीं उठाए गए तो महाद्वीप में करीब तीन लाख लोगों की संक्रमण की वजह से मौत हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (यूएनईसीए) ने भी लगभग ऐसी ही चेतावनी दी है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर वायरस के फैलाव को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया गया तो 33 लाख लोगों की जान जा सकती है।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के मुताबिक, अफ्रीका में कोरोना वायरस से अब तक लगभग 1,000 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 18 हजार से ज्‍यादा संक्रमित हैं। हालांकि, ये मामले अमेरिका और यूरोप की तुलना में कम हैं लेकिन WHO के अफ्रीका क्षेत्र के निदेशक मत्सीदिसो मोइती की मानें तो दक्षिण अफ्रीका, नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, कैमरून और घाना में शहरों से दूरदराज के इलाकों तक कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। 

अफ्रीका के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (यूएनईसीए) की एक रिपोर्ट में भी अफ्रीका में कोरोना वायरस संक्रमण से तीन लाख लोगों की मौत होने की आशंका जताई गई है। यह आंकड़ा जारी करते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि सामान्य स्थिति में तीन लाख लोगों की मौत हो सकती है और अगर हालात खराब हुए और वायरस के फैलाव को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो अफ्रीका में 33 लाख लोगों की जान जा सकती है।

इम्पीरियल कॉलेज लंदन के मॉडल के आधार पर गणना करते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि इस महाद्वीप में अगर सामाजिक दूरी का पालन अच्छी तरह किया जाए और हालात ठीक रहते हैं तो भी 12.2 करोड़ से ज्यादा लोग लोग संक्रमित हो सकते हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि अफ्रीका की कमजोर स्वास्थ्य प्रणाली के लिए यह काफी मुश्किल होगा। अफ्रीका में 18,000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अफ्रीका में यूरोप के कई सप्ताह बाद संक्रमण के मामले आए हैं और संख्या में बढ़ोतरी भी उसी स्तर पर है।

विशेषज्ञ WHO की इस चेतावनी को गंभीरता से लेने की सलाह दे रहे हैं। दरअसल, अफ्रीका के कुछ देशों में गृह युद्ध जैसे हालात हैं तो कई देशों में ज्यादातर आबादी बेहद गरीबी में जी रही है तथा लोग अन्न और तन ढकने के लिए कपड़ों तक के मोहताज हैं। दक्षिण अफ्रीका और मिस्र के कुछ हड़े शहरों को छोड़कर बाकी अफ्रीका में चिकित्सा सुविधाओँ का घोर अभाव है।

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