नई दिल्ली।  सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव शिवपाल सिंह यादव के साथ रविवार सुबह लखनऊ पार्टी दफ्तर पहुंचे। मुलायम दफ्तर में राष्ट्रीय अध्यक्ष के कमरे में बैठे और मीटिंग की इसके बाद मुलायम ने सपा कार्यालय में ताला लगाया और चाबी लेकर शिवपाल के साथ दिल्ली चले गए।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किए जाने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पर कब्जा कर ‌लिया था और शिवपाल सिंह यादव की नेमप्लेट व बैनरों को उखाड़कर फेंक दिया था। सपा कार्यालय में मुलायम के नाम की नेम प्लेट पर राष्ट्रीय अध्यक्ष दिखाया गया है, जबकि शिवपाल के कमरों में भी नेमप्लेट लगा दी गई है।

यह पहला मौका है जब अखिलेश के मुलायम को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाने के बाद मुलायम पार्टी दफ्तर पहुंचे। यहां मुलायम ने कमरों का ताला लगवाया। अपने और शिवपाल की नेम प्लेट लगवाई। इस नेम प्लेट में उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष और शिवपाल को सिंचाई-सहकारिता मंत्री दिखाया गया है।

वहीं पार्टी कार्यालय के बाहर मीडिया से बातचीत में मुलायम ने किसी भी तरह के विवाद न होने की बात कही। उन्होंने मीडिया से कहा कि सपा में किसी तरह का विवाद नहीं है और जब विवाद नहीं तो समझौता कैसा…? उन्होंने कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारियां शुरू करने को कहा।हालांकि, मामला अब चुनाव आयोग पहुंच चुका है। जहां पर अखिलेश खेमे ने पार्टी पर अपना दावा किया है, जबकि मुलायम व‌ अमर सिंह सोमवार को आयोग जाएंगे और अपना पक्ष रखेंगे।

विवाद पर अखिलेश खेमे के रामगोपाल यादव का कहना है कि पार्टी के सभी पदाधिकारियों की मौजूदगी में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया गया है अत: पार्टी व पार्टी सिंबल पर उनका ही अधिकार है।

दिल्ली में कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान मुलायम ने कहा कि अखिलेश हमारा बेटा है और सभी विधायक उसके साथ हैं। हमारे पास सिर्फ 6 विधायक हैं। अब ठीक है वो जो कर रहा है। देखते हैं उससे कुछ बात करेंगे। इसके बाद अमर सिंह मुलायम के पास पहुंचे। इस दौरान मुलायम ने अमर और शिवपाल की जमकर तारीफ की और कहा कि शिवपाल ने बहुत अच्छा काम किया है। आप सब जाओ और चुनाव की तैयारी करो। साइकिल के चिह्न पर ही चुनाव लड़ा जाएगा।इससे पहले शनिवार को रामगोपाल यादव ने अखिलेश के समर्थन में विधायकों, सांसदों पार्टी प्रतिनिधियों के डेढ़ लाख पन्नों के हलफनामे चुनाव आयोग को सौंपे और चुनाव चिह्न साइकिल पर दावा पेश किया।

रामगोपाल के चुनाव आयोग को सौंपे दस्तावेजो में 205 विधायकों ने अखिलेश को समर्थन किया है। 56 विधान पार्षद भी अखिलेश के साथ हैं। समाजवादी पार्टी के 15 सांसद भी अखिलेश को समर्थन कर रहे हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 30 सदस्य भी अखिलेश के साथ खड़े हैं। साथ ही 4400 पार्टी प्रतिनिधि भी अखिलेश को समर्थन कर रहे हैं। रामगोपाल का दावा है कि 90 फीसदी विधायक और एमएलसी अखिलेश के साथ हैं।

इससे पहले शनिवार को दिन भर सुलह का रास्ता निकालने के लिए बैठकें होती रहीं, मगर कोई नतीजा नहीं निकला। आजम खान और शिवपाल मुलायम सिंह से मिलने पहुंचे, लेकिन कोई नजीता निकलता नजर नहीं आया। कहा जा रहा है कि अखिलेश किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने को राजी नहीं और अब वो अपनी शर्तों पर समाजवादी पार्टी को चलाना चाहते हैं।रामगोपाल यादव ने कहा कि इसके आगे चुनाव आयोग तय करेगा। हमें जो करना था, हम कर चुके हैं।

 

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