नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या मामले (Nirbhaya gang rape and murder case) में चारों दोषियों के खिलाफ तीसरी बार डेथ वॉरंट जारी हुआ है। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट 3 मार्च 2020 को सुबह 6 बजे फांसी देने का समय मुकर्रर कर दिया। हालांकि दोषियों के वकील एपी सिंह का कहना है कि उनके पास अब भी कई कानूनी विकल्प बाकी हैं। उन्होंने कहा कि यह मीडिया और राजनेताओं का दबाव है जिसके कारण फांसी की तारीख आई है। आपको बता दें कि अदालत निर्भया के परिवारीजनों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

डेथ वॉरंट जारी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अब 3 मार्च फाइनल होगा और गुनहगारों को फांसी दे दी जाएगी। उन्होंने कहा, “मैंने इतना संघर्ष किया है। अब उम्मीद है कि मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा।“ दोषियों के वकील का कहना है कि अक्षय के लिए नई दया याचिका लगाएंगे। पवन के पास भी क्यूरेटिव पिटिशन और राष्ट्रपति के पास दया याचिका का विकल्प बचा हुआ है।

इससे पहले आज (सोमवार) सुनवाई के दौरान पता चला कि दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर छुट्टी पर हैं जिसके बाद अदालत ने रवि काजी को मुकेश की पैरवी करने की इजाजत दे दी।

पिछली सुनवाई में तिहाड़ जेल अथॉरिटी ने कहा था कि दोषी पवन ने बताया है कि उसे कोई वकील नहीं चाहिए। कोर्ट ने फिर पूछा था कि पवन के लिए कौन वकील पेश हो रहा है? दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को कहा था कि दोषी पवन गुप्ता ने सरकारी वकील लेने से मना कर दिया है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने की मांग करने वाली केंद्र की याचिका का लंबित रहना दोषियों को फांसी के लिए निचली अदालत द्वारा नई तारीख जारी करने की राह में आड़े नहीं आएगा।

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