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मॉब लिंचिंग पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वालों को प्रसून जोशी, कंगना रनौत समेत 62 हस्तियों ने दिया ये जवाब

नई दिल्ली। भीड़ की हिंसा (मॉब लिंचिंग) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखने वाले सैलेक्टिव माइंडसेट के बुद्धिजीवियों को इस बार समाज के अंदर से ही जवाब मिला है। ऐसे 49 लोगों द्वारा लिखे गए पत्र का जवाब 62 चुनिंदा हस्तियों ने खुला पत्र लिखकर दिया है। इनमें गीतकार, नर्तक, फिल्मकार और अभिनेता-अभिनेत्री शामिल हैं।

हाल ही में 49 लोगों ने भीड़ की हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। इस पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आई थीं। अब 62 हस्तियों ने उस पत्र का काउंटर करते हुए इसे चुनिंदा आक्रोश और झूठा आख्यान बताते हुए खुला खत लिखा है। खुला पत्र लिखने वाली हस्तियों में गीतकार प्रसून जोशी, बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर और विवेक अग्निहोत्री, क्लासिकल डांसर व सांसद सोनल मानसिंह, वादक पंडित विश्व मोहन भट्ट आदि शामिल हैं। कंगना ने कहा है, “कुछ लोग अपनी पॉवर का दुरुपयोग कर रहे हैं ताकि लोगों तक किस तरह ये संदेश पहुंचाया जा सके कि इस सरकार में सबकुछ गलत हो रहा है जबकि ऐसा नहीं है। पहली बार चीजें सही दिशा में जा रही हैं। हम एक बड़े बदलाव का हिस्सा हैं, देश की बेहतरी के लिए चीजें बदल रही हैं और कुछ लोग इससे झुंझलाहट में हैं। आम लोगों ने अपने नेताओं को चुना है। जो लोगों की इच्छा की अवहेलना करते हैं वे लोकतंत्र के लिए कोई सम्मान या विचार नहीं रखते हैं।”

गीतकार प्रसून जोशी की प्रतिक्रिया तो काफी तल्ख है। उन्होंने कहा है कि वे लोग (पीएम मोदी को पत्र लिखने वाले 49 लोग) जानबूझकर ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि यहां गलत काम प्रचलित हैं। ऐसा करके ऐसे लोग बेइमानी से झूठी कहानी बनाते हैं।

इससे पहले अभिनेता-अभिनेत्री, फिल्मकार, सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहासकार समेत विभिन्न क्षेत्रों के 49 बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम असहिष्णुता को लेकर खुला पत्र लिखा था जिसमें दलित-अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ती हिंसा पर प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की गई थी। पत्र में कहा गया था, “अफसोस की बात है कि जय श्रीराम का आज उकसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। यह एक भड़काऊ नारा बन गया है। भारत में अल्पसंख्यक समुदायों को राम के नाम पर डराया जा रहा है। राम की अवमानना करने पर रोक लगाने की जरूरत है।” पत्र में दावा किया गया कि 29 अक्टूबर, 2018 से जनवरी, 2019 के दौरान देश में 254 से ज्यादा धार्मिक पहचान पर आधारित नफरत वाले अपराध दर्ज किए गए हैं। इस पत्र में फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल, अदूर गोपालकृष्णन, इतिहासकार रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम, अनुराग कश्यप, अपर्णा सेन, विनायक सेन, सौमित्र चटर्जी, गौतम घोष, कौशिक सेन, कोंकणा सेनशर्मा समेत कुल 49 हस्तियों के नाम हैं।

gajendra tripathi

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