वॉशिंगटन। अमेरिका की मशहूर पत्रिका टाइम ने दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल किया है। वह इस सूची में इकलौते भारतीय नेता हैं। हालांकि टाइम ने मोदी पर अपने आलेख में कई तल्ख टिप्पणियां भी की हैं। इस सूची में शामिल अन्य भारतीय लोगों में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, अभिनेता आयुष्मान खुराना और एचआईवी पर शोध करने वाले रविंदर गुप्ता भी शामिल हैं। शाहीन बाग में प्रदर्शनों को लेकर चर्चा में आईं 82 साल की बिल्किस, जिन्हें लोग दादी भी बुलाते हैं, को भी 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया है।
इस प्रतिष्ठित सूची में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस, जो बाइडन, जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल समेत दुनियाभर के कई नेता शामिल हैं।
टाइम ने मोदी के बारे में लिखा, “लोकतंत्र के लिए सबसे जरूरी स्वतंत्र चुनाव नहीं है। इसमें केवल यह पता चलता है कि किसे सबसे अधिक वोट मिले हैं। इससे ज्यादा महत्वपूर्ण उन लोगों का अधिकार है जिन्होंने विजेता के लिए वोट नहीं दिया। भारत 7 दशकों से अधिक समय से दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र रहा है। भारत की 1.3 अरब की आबादी में ईसाई, मुस्लिम, सिख, बौद्ध, जैन और अन्य धर्मों के लोग शामिल हैं।”
टाइम के संपादक कार्ल विक ने लिखा है, “यह सब भारत में है जिसे अपने जीवन का ज्यादातर समय शरणार्थी के रूप में गुजारने वाले दलाई लामा ने सद्भाव और स्थिरता का उदाहरण बताया है। नरेंद्र मोदी ने इन सभी को संदेह में ला दिया है। भारत के ज्यादातर प्रधानमंत्री करीब 80 प्रतिशत आबादी वाले हिंदू समुदाय से आए हैं लेकिन केवल मोदी ही ऐसे हैं जिन्होंने ऐसे शासन किया जैसे उनके लिए कोई और मायने नहीं रखता है।”
कार्ल विक ने लिखा, “नरेंद्र मोदी सशक्तिकरण के लोकप्रिय वादे के साथ सत्ता में आए लेकिन उनकी हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी भाजपा ने न केवल उत्कृष्टता को बल्कि बहुलवाद खासतौर पर भारत के मुसलमानों को खारिज कर दिया। भाजपा के लिए अत्यंत गंभीर महामारी असंतोष को दबाने का जरिया बन गया और दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र अंधेरे में घिर गया है।”
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “भारत का डिवाइडर इन चीफ” यानी “प्रमुख विभाजनकारी” बताया था।
मोदी की तारीफ भी कर चुकी है टाइम
हालांकि टाइम ने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उन पर एक और लेख छापा था। इसका शीर्षक था, “मोदी हैज यूनाइटेड इंडिया लाइक नो प्राइम मिनिस्टर इन डेकेड्स” यानी “मोदी ने भारत को इस तरह एकजुट किया है जितना दशकों में किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया।” इस आलेख को मनोज लडवा ने लिखा है जिन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान “नरेंद्र मोदी फॉर पीएम” अभियान चलाया था। आलेक में लिखा गया था, “उनकी (मोदी) सामाजिक रूप से प्रगतिशील नीतियों ने तमाम भारतीयों को जिनमें हिंदू और धार्मिक अल्पसंख्यक भी शामिल हैं, को गरीबी से बाहर निकाला है। यह किसी भी पिछली पीढ़ी के मुकाबले तेज गति से हुआ है।”