लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 में समाजवादी पार्टी (सपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के साथ महागठबंधन के बावजूद मात्र 10 सीटें जीतने से तिलमिलाईं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने पुराने फार्मूले को आजमाने का निर्णय किया है। यादव वोटों के बसपा को ट्रांसफर न होने का ठीकरा सपा पर फोड़ने के बाद अब उन्होंने दलित-मुस्लिम समीकरण पर ध्यान देने की तैयारी शुरू कर दी है और मिशन-2022 में फिर 2007 वाले “सर्वसमाज फार्मूले” को मजबूती से आजमाने का फैसला किया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संगठन में इसी तर्ज पर व्यापक फेरबदल भी किया गया है।

बसपा सुप्रीमो ने सेक्टर और जोन-मंडल इंचार्ज (कोआर्डिनेटर) की पुरानी व्यवस्था भंग कर नए सिरे से इन्हें गठित किया है। प्रदेश के 18 मंडलों को चार सेक्टर में बांटकर नए सिरे से सेक्टर-जोन व मंडल इंचार्ज बनाए गए हैं। हालांकि जिले से लेकर बूथ स्तर तक के संगठन को बनाए रखा गया है लेकिन उसकी समीक्षा कर निष्क्रिय पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। संगठन के 50 प्रतिशत पदों पर युवाओं को मौका दिया जाएगा।

बसपा संसदीय दल के नेता व नगीना से सांसद गिरीश चंद्र को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मंडलों की जिम्मेदारी दी गई है। उनको मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा और अलीगढ़ मंडलों का प्रभारी बनाया गया है। उनके साथ शमशुद्दीन राईन, राजकुमार गौतम और डा. कमलराज भी रहेंगे। पूर्व सांसद मुनकाद अली को बरेली, लखनऊ, कानपुर, झांसी और चित्रकूट मंडलों की जिम्मेदारी दी गई है। उनके साथ भीमराव अंबेडकर और जितेंद्र शंखवार को जोड़ा गया है। इलाहाबाद, मिर्जापुर, वाराणसी और आजमगढ़ मंडलों की जिम्मेदारी क्रमशः अशोक गौतम, घनश्याम चंद्र खरवार, नौशाद अली व इंदल राम को दी गई है।

गोरखपुर, देवीपाटन, फैजाबाद और बस्ती मंडलों की जिम्मेदारी त्रिभुवन दत्त, सुनील कुमार चित्तौड़, केके गौतम और पवन कुमार गौतम को सौंपी गई है।  मोहनलालगंज से लोकसभा का चुनाव लड़े सीएल वर्मा को बरेली और लखनऊ का जोन इंचार्ज  जबकि इंतिजार आब्दी बॉबी को लखनऊ मंडल का प्रभारी बनाया गया है।

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