बरेली। रौंधी मिलक गांव में दो नाबालिग जुड़वा बहनें बालिका वधू बनने से बच गईं। दोनों की शादी किए जाने की तैयारी थी लेकिन इससे पहले ही ग्रामीणों की सूचना पर चाइल्ड लाइन की टीम और थाना सुभाषनगर पुलिस पहुंच गई। पुलिस किशोरियों और लड़कों के माता-पिता समेत बरातियों को हिरासत में लेकर थाने ले आई। दोनों बहनों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया। ग्राम प्रधान के भाई के तहरीर पर सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई। मजिस्ट्रेट डीएन शर्मा के सामने दोनों बहनें खुद को बालिग बताती रहीं। कार्रवाई के बाद दोनों को बालिका संप्रेक्षण गृह भिजवा दिया गया।

दोनों बहनों का प्रेम प्रसंग हैं। परिवार के लोगों को पता चला तो बेटियों की खुशी और आर्थिक स्थिति को देखते हुए शादी के लिए हामी भर दी। बारात का दिन शुक्रवार तय हुआ। इससे पहले गुरुवार को किसी ग्रामीण ने 112 नंबर पर कॉल कर बाल विवाह की जानकारी दी। सूचना पर सुभाषनगर थाने की पुलिस और चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंची गई। शिकायत पर दोनों पक्ष के पप्पू साहू, प्रमोद, राहुल, बसंती देवी, रामस्वरूप, पार्वती, कोशल्या, रवि, सतीश, विनोद और मनोज के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। हालांकि सभी को थाने से ही जमानत दे दी गई।

चाइल्ड लाइन के डायरेक्टर अनीस ने बताया कि दोनों लड़कियों को बाल कल्याण समिति में पेश किया गया। बताया जाता है कि देखने में दोनों की उम्र 15-16 साल लग रही जबकि वे खुद को बालिग बताती रहीं। हालांकि परिवार वालों ने दोनों लड़कियों से संबंधित प्रमाण, शैक्षिक कागज नहीं दिखाए। मेडिकल रिपोर्ट से ही उम्र का पता लगेगा।

शपथ पत्र पर परिवारीजनों को सौंपेंगे

मेडिकल में यदि वे बालिग आती हैं तो उनको शपथपत्र देने के बाद परिवार के सुपुर्द दोबारा किया जाएगा। इसके बाद वे शादी कर सकेंगी। हालांकि प्रथम दृष्टया दोनों बहनें नाबालिग प्रतीत हो रही थीं। मेडिकल में इसकी पुष्टि हुई तो परिवार के लोगों की काउंसिलिंग करेंगे ताकि शादी न करें। अन्यथा कार्रवाई होगी।

उधर गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि किशोरियों का पिता मजदूरी करके परिवार पालता है। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान ही खर्च बचाने के लिए दोनों बेटियों की शादी एक साथ तय कर दी। हालांकि घर में विवाह समारोह करने के लिए प्रशासन से अनुमति नहीं ली गई थी।

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